करनाल। स्लीपर बस में करीब 300 सवारियों को ठूस-ठूस कर भरा गया था। जिससे कई लोग बेहोश भी हो गए थे। ओवरलोड बस का जीटी रोड पर शॉकर टूट गया, जब सवारियां बस से बाहर आईं तो पूरी सड़क भर गई। किसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची तरावड़ी पुलिस सवारियां गिनने लगी तो हैरान हो गई। बस में सवार लोगों ने पुलिस को अपनी परेशानी बताई। इसके बाद पुलिस ने बस को कब्जे में लिया और सवारियों को अन्य तीन बसें बुलाकर उन्हें रवाना किया।
बिहार जाना था तो किसी को उत्तर प्रदेश
यात्रियों ने बताया कि उनमें किसी को बिहार जाना था तो किसी को उत्तर प्रदेश। धान लगाने का सीजन खत्म होने पर वह अपने घर जा रहे थे। अंबाला में उनकी शिव शक्ति टूर ट्रेवल्स के नाम से टिकट काटी गई। जिसमें उन्हें बताया गया कि फुल एसी स्लीपर बस है। एक सवारी का किराया दो हजार रुपये बताया। वह उनकी बातों में आ गए। उन्होंने बस नहीं दिखाई बोले बस थोड़ी दूर खड़ी है।
वह ऑटो में बस के पास लेकर गए तो वहां यात्रियों की लंबी लाइन लगी थी। उन्हें लक्ष्य टूर ट्रेवल्स उत्तर प्रदेश नंबर की एक ही बस में बैठाया जा रहा था। बस में 80 सीटें थी और उसमें बच्चे, महिलाएं, पुरुष व बुजुर्गों सहित करीब 300 सवारियां बैठाई जा रही थी। सभी को उसी बस में डरा धमकाकर ठूस दिया।
एक सीट पर 10 से 12 सवारियां
लोगों ने बताया कि जिन सवारियों ने बस में बैठने से मना किया, बस संचालकों ने उन्हें टिकट के पैसे वापस करने से मना कर दिया। इस डर से सभी सवारियां उस बस में बैठ गईं। एक सीट पर 10 से 12 सवारियां बैठी थी। बस में गर्मी होने के कारण बच्चों व महिलाओं को चक्कर आने लगे। उल्टियां लगने लगी।
विभागीय अधिकारी नहीं करते कार्रवाई
टूर एंड ट्रेवल्स वाले अक्सर क्षमता से अधिक सवारियों को एक बस में ठूसकर ले जाते हैं और उनसे मोटी रकम वसूलते हैं। इस तरह के मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन आरटीए विभाग के अधिकारियों को यह बसें दिखाई ही नहीं देतीं। क्योंकि एसी बसें रात को जीटी रोड से गुजरती हैं। इस दौरान विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी सोए हुए रहते हैं। इतना ही नहीं सूचना मिलने के बाद भी वह कार्रवाई नहीं करते।
रात को एक बस में क्षमता से अधिक यात्री भरे हुए थे। बस को कब्जे में लिया है और यात्रियों को दूसरी बस से भेज दिया है। बस के दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं।