चरखी दादरी। अब डिफाॅल्टर उपभोक्ता को कनेक्शन कटवाना होगा या फिर बकाया राशि जमा करवानी होगी। विभाग अब ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्ती से पेश आ रहा है। जिले में इस समय 16 हजार डिफाॅल्टर हैं। अकेले शहर में तीन हजार व सब अर्बन डिविजन में 2700 डिफाॅल्टर हैं। जिला का लाइन लॉस 21 प्रतिशत को पार कर गया है। ग्रामीण क्षेत्र में इसका आंकड़ा 45 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। लाइन लॉस बढ़ने से बिजली निगम को घाटा झेलना पड़ रहा है।
बिजली निगम लाइन लॉस कम करने और चोरी रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है। चोरी रोकने के लिए दिन-रात छापेमारी की जा रही है। निगम गांव और शहरों में बिजली चोरों पर एक साथ नजर रखे हुए हैं। जहां भी बिजली चोरी की शिकायत मिलती है, वहां छापा मारा जाता है। बिजली चोरी केस पकड़ में आने पर मोटा जुर्माना लगाया जाता है। शहर की अगर बात करें तो बाहरी कॉलोनियों में और गांवों में बिजली चोरी ज्यादा हो रही है।
अब बिजली निगम की नजर डिफॉल्टर उपभोक्ताओं पर टिकी है। निगम की योजना है कि प्रत्येक डिफाॅल्टर के पास पहुंचकर रिकवरी की जाए। बिल का पैसा जमा न करने पर कनेक्शन काट दिया जाए। इसके लिए निगम ने पूरी योजना से काम शुरू कर दिया है। घर-घर जाकर उपभोक्ताओं से बकाया बिल की रिकवरी की जाती है। जो भी डिफॉल्टर बिल राशि का भुगतान नहीं करेगा उसी समय कनेक्शन काट दिया जाएगा।
इन उपभोक्ताओं के लोड आदि की भी जांच की जाती है। लोड ज्यादा पाए जाने पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। निगम घरेलू और वाणिज्यिक दोनों प्रकार के डिफाॅल्टर उपभोक्ताओं के खिलाफ शिकंजा कस रहा है।
बिजली आपूर्ति में सुधार पर भी फोकस
बिजली निगम आपूर्ति में सुधार पर भी फोकस रहा है। शहर के बिजली लोड को कम करने के लिए अतिरिक्त ट्रांसफाॅर्मर भी लगाए गए हैं। ओवरलोड ट्रांसफाॅर्मरों पर फॉल्ट कम करने की दिशा में भी काम हो रहा है। ताकि, ब्रेक डाउन की समस्या से भी छुटकारा मिल सके।
शहर में करीब 19 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। दो पाॅवर सब स्टेशन के जरिए बिजली की आपूर्ति की जाती है। जो उपभोक्ता डिफॉल्टर हैं, वे 31 अगस्त तक कार्यालय जाकर या ऑनलाइन अपनी बकाया बिल राशि का भुगतान कर सकते हैं। बाद में निगम कनेक्शन काटेगा।