HARYANA VRITANT

Faridabad News हरियाणा महिला आयोग की चेयरमैन रेनू भाटिया ने कहा कि संविधान हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है। उन्होंने यह बात राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित होटल मैगपाई में आयोजित संविधान दिवस समारोह में कही। यह आयोजन लायर्स सोशल जस्टिस फोरम के अध्यक्ष राजेश खटाना एडवोकेट द्वारा संविधान को अंगीकृत हुए 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया था।

संविधान दिवस समारोह का शुभारंभ

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें “हमारा संविधान: सामाजिक न्याय में भूमिका और प्रेस की स्वतंत्रता” विषय पर चर्चा की गई। इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया, मैट्रो हॉस्पिटल की वाइस प्रेसिडेंट सना तारीक, हरियाणा सरकार के मीडिया कोऑर्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. एम.पी. सिंह, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विकास वर्मा, और जिला बार एसोसिएशन के सचिव पवन पाराशर शामिल थे।

संविधान: अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक

रेनू भाटिया ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान की प्रस्तावना हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को संविधान के महत्व और उसकी सामाजिक भूमिका से अवगत कराना बेहद जरूरी है।
भाटिया ने कहा कि जीवन जीने के मार्गदर्शन से लेकर महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण तक, संविधान ने हर पहलू को समाहित किया है। उन्होंने महिला आरक्षण बिल का विशेष उल्लेख करते हुए इसे महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।

मौलिक कर्तव्यों पर बल

कार्यक्रम के आयोजक राजेश खटाना ने युवाओं को संविधान पढ़ने और उसे समझने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान हमारी ताकत और गौरव का प्रतीक है।

समानता और भाईचारे का संदेश

विशिष्ट अतिथि सना तारीक ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में “हम भारत के लोग” शब्द इस बात का प्रमाण हैं कि समाज के प्रबुद्ध व्यक्ति ही हमारे लोकतंत्र की नींव हैं। यह समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे का संदेश देता है।

मौलिक कर्तव्यों पर बल

डॉ. एम.पी. सिंह ने संविधान द्वारा दिए गए मौलिक कर्तव्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि राष्ट्र की एकता, पर्यावरण की सुरक्षा और सांस्कृतिक धरोहर के सम्मान का भी दायित्व सौंपता है।

संविधान का सम्मान, देश का सम्मान

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विकास वर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान का सम्मान ही देश का सम्मान है। उन्होंने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के पालन पर भी बल दिया।

निष्कर्ष

संविधान दिवस समारोह में सभी वक्ताओं ने संविधान को देश की लोकतांत्रिक और सामाजिक व्यवस्था की रीढ़ बताते हुए इसे समझने और उसके अनुसार जीवन जीने पर जोर दिया।