HARYANA VRITANT

फरीदाबाद में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत के मामले में अभी तक पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पीड़ित परिजनों का कहना है कि आरोपित पुलिस अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं। वे उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जानिए पुलिस हिरासत में युवक की मौत कैसे हुई थी?

पुलिस हिरासत में मौत का मामले में आरोपित पुलिस कर्मियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि छोटे-मोटे आरोप लगने के बाद तुरंत पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया जाता है या लाइन हाजिर कर दिया जाता है।

पुलिस हिरासत में पिछले दिनों गाजीपुर निवासी अमित की मौत होने के मामले में क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 और टाउन नंबर दो पुलिस चौकी इंचार्ज अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं।

उधर, मृतक के परिवार वालों ने पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया था। इस मामले में आदर्श नगर बल्लभगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज हो चुका है। वहीं मृतक अमित का भाई सुमित चश्मदीद है, जिसके सामने क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों ने अमित को पीटा था। 

ऐसे हुई थी चाकूबाजी

गाजीपुर में रहने वाले हरीश ने वहीं पर रहने वाले अमित को एक लाख रुपये उधार दिए थे। पांच जुलाई को अमित अपनी कार में हरीश को पैसे देने की बात कहकर अपने साथ ले गया था। एनआईटी बस अड्डा के पास मॉल ऑफ फरीदाबाद की बेसमेंट में अमित ने चाकू से वार कर हरीश को गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अमित को भी पेट में चाकू लगा था। उसे बादशाह खान नागरिक अस्पताल में भर्ती करा दिया था। पुलिस ने अमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।

घायल को ले गई थी क्राइम ब्रांच

मृतक अमित के पिता ग्यासी राम ने बताया कि क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 की टीम घटना वाले दिन ही बादशाह खान अस्पताल आई और चाकू से घायल हुए आरोपित अमित को उठाकर ले गई। साथ ही उसके दूसरे बेटे सुमित को भी ले गई।

मदद के लिए चिल्ला रहा था भाई

सुमित का आरोप है कि क्राइम ब्रांच में उन दोनों के कपड़े उतरवा लिए। भाई अमित को कमरे में बंद करके खूब पीटा। वह चिल्लाकर मदद की गुहार लगाता रहा। जब वह भाई के पास जाने लगा तो उसे थप्पड़ मारे गए।

जहां लगे थे चाकू, पुलिसवालों ने वहीं मारी चोट

मृतक के पिता ग्यासी का आरोप है कि उसके बेटे को जहां चाकू लगा था, वहीं पर पुलिसकर्मियों ने चोट मारी। इस वजह से उनके बेटे की मौत हो गई। दो नंबर चौकी की पुलिस ने उसे और उसकी पत्नी को उठाकर ले जाने की धमकी दी थी। कहा था कि चाकू लेकर आओ जिससे हमला किया गया है। डर की वजह से वह गाजीपुर छोड़कर अपनी ससुराल जाजरू में चले गए थे।

ग्यासी ने बताया कि उनके बेटे पर पैसे नहीं थे बल्कि उनके बेटे ने हरीश को डेढ़ लाख रुपये दिए हुए थे। अपने पैसे मांगने पर ही हरीश ने पहले बेटे को चाकू मारा था। यह बात बेटे ने चाकू लगने के बाद बताई थी।