HARYANA VRITANT

नजफगढ़ (दिल्ली) निवासी प्रवीण ने बताया कि पिछले तीन साल से पीजीआईएमएस में इलाज चल रहा था। किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस पर थे। हर सप्ताह तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता था। इसी बीच पीजीआईएमएस में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने की जानकारी मिली।

पत्नी ने किडनी देकर पति को दिया नया जीवन

भारतीय अंगदान दिवस पर पीजीआई में आए एक दंपती की कहानी सबसे लिए प्रेरणा है। नीता ने पति प्रवीण को अपनी एक किडनी देकर नया जीवन दिया है। दोनों स्वस्थ हैं। इस अंगदान को सफल व सार्थक बनाने में पीजीआईएमएस के चिकित्सकों ने अहम योगदान दिया। संस्थान में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट के इस सफल केस के साथ ही प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी शुरू हो गया है। इससे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को नया जीवन मिलने की संभावना बढ़ गई है।

नजफगढ़ (दिल्ली) निवासी प्रवीण ने बताया कि पिछले तीन साल से पीजीआईएमएस में इलाज चल रहा था। किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस पर थे। हर सप्ताह तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता था। इसी बीच पीजीआईएमएस में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने की जानकारी मिली। यहां चिकित्सकों ने पुराना मरीज होने के चलते ऑपरेशन के लिए सबसे पहले समय दिया। इलाज के लिए पत्नी ने अपनी एक किडनी दान की। संस्थान के चिकित्सकों की टीम ने ऑर्गन मिलने पर ऑपरेशन किया, जाे सफल रहा। अब नियमित जांच के साथ परहेज बरत रहा हूं। चिकित्सक की सलाह पर जरूरी दवा ले रहा हूं। पत्नी भी स्वस्थ है। संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से हमें नया जीवन मिला है। इसके लिए चिकित्सकों का आभार जताता हूं।

बच्चों की कर पा रहे हैं देखभाल

प्रवीण ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट ने हमारी तरह के दूसरे मरीजों का जीना सरल बना दिया है। सफल किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हम बच्चों की देखभाल खुद कर पा रहे हैं, इनमें दो बेटियां व एक बेटा है। बड़ी बेटी 12वीं, छोटी 10वीं व बेटा छठी कक्षा में पढ़ रहा है।

अंगदान के प्रति लोगों को किया जा रहा है जागरूक

पीजीआईएमएस के ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर रोहित तंवर ने कहा कि किडनी व ऑर्गन ट्रांसप्लांट शुरू होने पर लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अंगदान करने से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को नया जीवन मिल सकता है। एक ब्रेन डेड मरीज आठ लोगों को नया जीवन दे सकता है।

अधिकारी के अनुसार

पीजीआईएमएस में किडनी व ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो गई है। यहां हाल ही में हुए किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज स्वस्थ हैं, इनका लगातार ध्यान रखा जा रहा है। लोगों को अंगदान के लिए आगे आना चाहिए। ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान किए जाने से दूसरे गंभीर मरीजों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।