HARYANA VRITANT

पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन के लिए नीरज चोपड़ा ने करीब आठ माह तुर्की में रहकर कड़ा अभ्यास किया। उन्होंने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता है। उन्होंने ये पदक जीतकर इतिहास रचाा है।

नीरज ने हरियाणा का दूध दही खा रखा है। वह भाले के अनुसार नहीं बल्कि भाला उसके अनुसार चला। उसके साथ उनका अकेली का नहीं बल्कि करोड़ों माताओं का आशीर्वाद और दुआएं हैं। नीरज पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास दोहराया है। 

यह कहना है कि गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी का। उन्होंने बताया कि नीरज चोपड़ा के गुरुवार रात के मैच को लेकर उसमें सुबह से उत्साह व खुशी रही। सबसे पहले भगवान से प्रार्थना की और घर में पूजा अर्चना की। इसके बाद सभी देवी देवताओं से नीरज के स्वर्ण पदक की प्रार्थना की। उसका शाम को भी घर के किसी काम में ज्यादा मन नहीं लगा। बस नीरज को लेकर प्रार्थना करती रही। उसको 11:55 बजे का इंतजार रहा।

सरोज ने कहा कि नीरज ने हरियाणा का देसी दूध और घी खा रखा है। उसके शरीर में दम है। भाला उसके अनुसार चलेगा। वह जितना चाहेगा और जहां चाहेगा भाला उतनी दूरी और वहीं पर जाता है। वह एक थ्रो कर पाया। उसमें ही देश को रजत पदक दिलाया है।

नीरज की मां सरोज ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट का स्वर्ण पदक पक्का था। वह इसमें चूक गई। उसको भी विनेश के पिछड़ने पर काफी दुख है। आयोजकों को पहले वजन को कराना था। उसको हौसला नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि हिम्मत कर आगे बढ़ना चाहिए।

पिता और चाचा बोले नीरज पर थी सबकी नजर

नीरज के पिता सतीश कुमार ने बताया कि पेरिस ओलंपिक में नीरज पर सबकी नजर हैं। हर कोई उनको लेकर प्रार्थना कर रहा था। खंडरा गांव का बच्चा-बच्चा इसको लेकर उत्साहित था। वह आठ महीने से पेरिस ओलंपिक को लेकर तैयारी में लगा हुआ था। वे उनका गांव में फिर से भव्य स्वागत करेंगे।

टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खंडरा के लाल नीरज चोपड़ा गुरुवार रात को दूसरी बार पेरिस ओलंपिक में मैदान में उतरे। उनका मैच भारतीय समय अनुसार रात 11:50 बजे शुरू हुआ। ऐसे में नीरज के गांव खंडरा में फाइनल मुकाबले को लेकर खासा उत्साह रहा। लाइव मैच देखने के लिए पैतृक गांव खंडरा समेत शहर के स्थानों पर बड़ी स्क्रीन लगाई, जहां सामूहिक रूप से लोगों ने मैच देखा।

मैच देखने के लिए घरों की छत पर खड़े बुजुर्ग व बच्चे।

पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन के लिए नीरज चोपड़ा ने करीब आठ माह तुर्की में रहकर कड़ा अभ्यास किया था। इस दौरान दो दिन के लिए एक चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए वे स्वदेश आए थे और फिर वापस तुर्की चले गए थे। इसके बाद 31 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में भाग लेने के लिए पहुंचे, जहां बीते रोज क्वालीफाइंग राउंड में 89.34 मीटर भाला फेंककर उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। 

रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने रात को परिजनों से फोन पर बात की और उनको बधाई दी।

पिता बोले एक थ्रो में रजत पदक, इंजरी के चलते चूका

पिता बोले एक थ्रो में रजत पदक, इंजरी के चलते चूका पानीपत। पिता सतीश कुमार ने बताया कि पेरिस ओलंपिक में नीरज पर सबकी नजर थी। क्वालिफाइंग मैच में अच्छे प्रदर्शन से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, लेकिन नीरज एक की थ्रो ठीक से कर पाया। नीरज ने उनको बताया था कि उनको इंजरी है। जिसके चलते स्वर्ण पदक से चूक गया। देश को रजत पदक मिला है। यह सबके लिए खुशी की बात है। वे नीरज का गांव में आने पर भव्य स्वागत करेंगे। ओलंपिक के बाद नीरज अपना इलाज भी कराएंगे।

मां बोली हम स्वर्ण और रजत में अंतर नहीं मानते

मां सरोज देवी ने बताया कि नीरज ने रजत पदक जीता है। यह खुशी उनके लिए खुशी की बात है। वह हर बार स्वर्ण पदक लाता था। इस बार रजत आया है। वे स्वर्ण और रजत में कोई फर्क नहीं मानते। उनके लिए यह भी पदक है। नीरज का मैच पूरा समय अच्छी तरह से देखा है। उसका जोरदार स्वागत करेंगे और उसकी पसंद का चूरमा खिलाया जाएगा। नीरज जब बोलेगा तब शादी करेंगे।

नीरज ने रखा सबका मान : भीम

चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि पेरिस ओलंपिक को लेकर नीरज की तैयारी अच्छी थी। उन्होंने 89.45 मीटर का अच्छा थ्रो किया है। जबकि क्वालिफाइंग राउंड में उनका थ्रो 89.34 मीटर रहा है। नीरज के इस थ्रो से देश को रजत पदक मिला है। इस बार स्वर्ण पदक नहीं आ पाया। यह देशवासियों के लिए खुशी की बात है। प्रत्येक खिलाड़ी जीत की उम्मीद के साथ उतरता है। पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम ने अच्छा थ्रो किया है।