हरियाणा में डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। नेशनल हेल्थ फैमिली रिपोर्ट, आईसीएमआर और पीजीआई की स्टडी के मुताबिक राज्य में दस सालों में डायबिटीज के मरीजों में तीन गुना और हाइपरटेंशन के मरीजों में चार गुना इजाफा हुआ है। चिंताजनक बात यह है कि इन बीमारियों के बढ़ने से कार्डिएक अरेस्ट, स्ट्रोक और किडनी की बीमारी का खतरा बढ़ता है। ऐसे में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि कुछ शारीरिक गतिविधियों और खाने में बदलाव से डायबिटीज और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसमें योग सबसे कारगर है। योग के विभिन्न आसन से मरीजों को जल्दी लाभ पहुंचता है। भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने साल 2013 में पूरे देश में साढ़े पांच करोड़ लोगों की जांच की, जिसमें हरियाणा के पांच फीसदी लोग डायबिटीज और छह फीसदी हाइपरटेंशन से ग्रसित पाए गए। इस सर्वे के दस साल बाद इसी महीने जून में आईसीएमआर की एक रिपोर्ट लासेंट में प्रकाशित हुई।

  • पंजाब में हाइपरटेंशन के मरीज काफी ज्यादा हैं। पीजीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में हाइपरटेंशन के 40.1 फीसदी मरीज हैं। वहीं आईसीएमआर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 51 फीसदी हाइपरटेंशन से ग्रसित मरीज हैं। वहीं डायबिटीज की स्थिति लगभग बराबर है।
  • आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक 12.7 फीसदी लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 8.7 फीसदी लोग प्री डायबिटीज से। वहीं, पीजीआई की साल 2022 की स्टडी के मुताबिक 14.6 फीसदी लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि हरियाणा में यह आंकड़ा थोड़ा ज्यादा है। हरियाणा में 15 फीसदी लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं।

पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि योग भी एक तरह की एक्सरसाइज है।

इससे मेंटल स्ट्रेस ठीक रहता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है। उनका कहना है कि खानपान में बदलाव और फिजिकल एक्टीविटीज करने से ब्लड शुगर और हाइपरटेंशन को नियंत्रित किया जा सकता है। योग विशेषज्ञ के मुताबिक ताड़ासन, पादहस्तासन, मंडूकासन और वक्रासन पैंक्रियाज पर असर डालते हैं। इससे इंसुलिन का उत्पादन ठीक होता है।

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