सीआईए-एक के प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि सेक्टर-10 की इमारत में छिपे आरोपियों ने खुद को घिरा देखकर फायरिंग कर दी। आरोपी अंकित ने पहली गोली चलाई और उसके बाद लक्ष्य ने भी फायरिंग कर दी। जवाब में उनकी टीम ने भी फायरिंग शुरू कर दी।
कुरुक्षेत्र के सेक्टर-10 से पकड़े गए जबरा और बिंद्र गैंग के चार गुर्गे निर्मल भुल्लर से जबरा एनकाउंटर का बदला लेने आए थे। जबरा गैंग के लोग इस एनकाउंटर के मामले में लाडवा गैंग के निर्मल भुल्लर का हाथ मान रहे हैं। उनका यही मानना है कि जबरा के छिपे होने की लोकेशन निर्मल भुल्लर ने पुलिस के साथ साझा की थी, जिसके बाद पुलिस ने जबरा का एनकाउंटर कर दिया था। तभी से दोनों गैंग के बीच दुश्मनी का बीज पड़ गया।
यहां बताते चलें कि मई 2019 में सीआईए करनाल की टीम ने जिला करनाल के बड़ा गांव के जंगल में घेरकर जबर उर्फ जबरा निवासी लाडवा को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जबरा पर हत्या, डकैती, लूट समेत एक दर्जन मामले दर्ज थे। पुलिस की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपये का इनाम रखा गया था। वहीं भुल्लर पर भी हत्या, शस्त्र अधिनियम समेत अन्य धाराओं में छह मामले दर्ज हैं।
इस गैंग के लोग लाडवा गैंग को अपना दुश्मन मानने लगे
जबरा एनकाउंटर के बाद से इस गैंग के लोग लाडवा गैंग को अपना दुश्मन मानने लगे थे। भुल्लर को मौत के घाट उतारने के इरादे से गैंग के चार बदमाश अंकित निवासी भगवानपुर जिला सहारनपुर, सोनू निवासी सिरसल जिला कैथल, लक्ष्य व सोनू निवासी गोंदर जिला करनाल सेक्टर-10 की पुरानी इमारत में छिपे थे, क्योंकि उनको पता था कि भुल्लर करीब चार साल से जिला जेल में बंद है। वे मौके की तलाश में थे कि कब पुलिस उसे अदालत में पेश करने के लिए लेकर आए और वे वारदात को अंजाम देकर अपना बदला पूरा कर लें।
उधर, पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा ने स्पष्ट कर दिया कि आरोपी अदालत में भुल्लर को पेशी के दौरान मारना चाहते थे। इसके लिए आरोपी अदालत परिसर का जायजा भी ले रहे थे, मगर मंगलवार रात करीब नौ बजे सीआईए-एक की टीम ने मुठभेड़ के दौरान चारों आरोपियों को काबू कर लिया।
बुलेट प्रूफ जैकेट ने बचाई इंस्पेक्टर की जान
सीआईए-एक के प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि सेक्टर-10 की इमारत में छिपे आरोपियों ने खुद को घिरा देखकर फायरिंग कर दी। आरोपी अंकित ने पहली गोली चलाई और उसके बाद लक्ष्य ने भी फायरिंग कर दी। जवाब में उनकी टीम ने भी फायरिंग शुरू कर दी। इसमें एक गोली अंकित की टांग में लग गई, जबकि बदमाशों की एक गोली उनकी छाती में लगी, मगर उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी थी। इस कारण उनकी जान बच गई। अदालत के आदेश से आरोपियों को आठ दिन के रिमांड पर लिया गया है।