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महंगाई और टैक्स की दोहरी मार से आज हर वर्ग की जेब कट रही है, लेकिन केंद्र सरकार आंखें मूंदे प्रचार-प्रसार में लगी है। यह कहना है सांसद कुमारी सैलजा का। जारी बयान में कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की।

कुमारी सैलजा ने कहा कि देश का मध्यम वर्ग आज हर मोर्चे पर लुट रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और रोजमर्रा के खर्च अब आम परिवार की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार को जनता की कोई परवाह नहीं केवल अपने प्रचार की चिंता है।

प्राइवेट संस्थानों में लोगों की जेबों पर डाला जा रहा डाका: सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि शिक्षा पर हर साल 10-15 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी, स्कूल फीस, ट्यूशन, किताबें, यूनिफार्म और बस शुल्क आम अभिभावकों के लिए असहनीय बोझ बन चुके हैं। प्राइवेट संस्थानों में तो लोगों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है अब इस मामले में सरकारी संस्थान भी लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं।

इसी प्रकार बात अगर मेडिकल सुविधाओं की करें तो इलाज और दवाओं का खर्च हर साल 12-14 प्रतिशत बढ़ रहा है। निजी अस्पतालों की मनमानी और दवाइयों पर जीएसटी ने चिकित्सा को गरीबों के लिए लगभग असंभव बना दिया है।

टैक्स को लेकर भी बोला हमला

कुमारी सैलजा ने कहा कि बैंकिंग की हर छोटी सेवा चाहे एटीएम हो, एसएमएस हो या फार्म जमा करना शुल्क के दायरे में लाया जा चुका है। उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि दूध-दही, आटा-चावल, बच्चों का खाना तक जीएसटी की जकड़ में है। जिससे आम आदमी की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं।

गाड़ी चलाना भी अब विलासिता बनता जा रहा है क्योंकि फास्टैग, बीमा और मेंटेनेंस पर सालाना 10-15 प्रतिशत का बोझ लगातार बढ़ रहा है। कुमारी सैलजा ने कहा कि ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, यह आम आदमी की रोज की तकलीफ है। सरकार ने जनता को राहत देने की बजाय उसे ही बोझ बना दिया है।उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत प्रभाव से आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में राहत दे। इसी प्रकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नियंत्रणकारी नीति बनाई जाए। आम उपभोक्ता सेवाओं पर लग रहे अनावश्यक शुल्क वापस ले, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके