HARYANA VRITANT

करनाल। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के सभागार में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एमके गर्ग ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर कोई भी व्यक्ति एक नर्स के महत्व को समझ नहीं सकता है लेकिन एक अस्पताल में जितना महत्व डॉक्टर का है उससे कई गुणा महत्व एक नर्स का होता है।

सांकेतिक तस्वीर

डॉक्टर दिन में सिर्फ दो बार या तीन बार चेक करने के लिए आते हैं…

डॉ. एमके गर्ग ने कहा कि अस्पताल में दाखिल मरीज के पास डॉक्टर दिन में सिर्फ दो बार या तीन बार चेक करने के लिए आता है लेकिन एक मरीज के दाखिल होने के बाद उस के पास एक नर्स लगातार उसके साथ रहती है। जब तक मरीज ठीक नहीं हो जाता। ऐसे में अधिकतर डॉक्टरों में मरीज के प्रति कोई सहानुभूति नहीं होती। वहीं दूसरी ओर एक मरीज के पास रहने से नर्स में सहानुभूति और लगाव हो जाता है। एक मरीज के साथ परिवार की तरह उसकी देखभाल करती है और उसे जल्द से जल्द स्वस्थ करने में मदद करती है।

विदेशों में भारतीय नर्सों की सबसे अधिक मांग…

उन्होंने कहा कि विदेशों में भारतीय नर्सों की सबसे अधिक मांग है क्योंकि वे मरीज की देखभाल एक परिवार की तरह करती है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर विभिन्न प्रकार की कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें स्टाफ नर्सों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। नृत्य में वीरपाल, स्वाति, सुमन, शिवानी, ड्रामा में सुमन पंवार, मनजीत, सीमा, रूबी कांबोज, कांता व सुदेश और कविता गायन में सीमा व रूबी ने प्रतिभागिता दर्ज कराई।