करनाल। सरकार की हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन (एचसीएमएस) की वार्ता में मानी गई मांगों की एडवाइजरी जारी करने का बुधवार को अंतिम दिन है। अगर 24 जुलाई तक सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी नहीं होती है तो 25 जुलाई से प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टर एचसीएमएस के बैनर तले सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर सकते हैं। जिसमें ओपीडी, आईपीडी, लेबर रूम सहित पोस्टमार्टम, इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के राज्य कोषाध्यक्ष डॉ. दीपक गोयल ने बताया कि 18 जुलाई को एचसीएमएस व सरकार के बीच हुई वाता में सहमति बनी थी कि चार, नौ व 13 साल पर एसीपी, इन सर्विस पीजी बॉन्ड एक करोड़ से 50 लाख तक करने का नोटिफिकेशन 25 जुलाई से पहले आ जाएगा। वहीं सीधे एसएमओ की भर्ती के लिए आरक्षित लगभग 150 एसएमओ की पोस्ट रुटीन प्रमोशन से भरने का सीएम से वन टाइम रिलेक्शेसन का अप्रूवल व तीन हजार प्रति माह कन्वेंस अलाउंस पर सीएम का अप्रूवल भी 25 जुलाई से पहले ले लिया जाएगा लेकिन सरकार हमेशा से ही वादा खिलाफी करती आई है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी दिसंबर 2023 में एसोसिएशन ने हड़ताल की थी तब भी सरकार के प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया था कि सभी मांगें जायज हैं और वे जल्द मान ली जाएंगी लेकिन छह माह बीतने के बाद भी उनमें से एक भी मांग पूरी नहीं की गई। जिस कारण चिकित्सकों का सरकार पर भरोसा कम हुआ है।
ये हैं प्रमुख मांगें
डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन। गतिशील सुनिश्चित कॅरिअर प्रगति (एसीपी) योजना लागू हो। एसएमओ की सीधी भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए। पीजी के लिए बॉन्ड राशि एक करोड़ से 50 लाख किए जाने की मांग। ग्रामीण क्षेत्रों को दूरस्थ घोषित कर पीजी कोटा बहाल करने की मांग। डॉक्टरों के लिए पीजी कोटा। विशेषज्ञ के लिए अतिरिक्त इंसेटिव। डॉक्टर की 10 साल में प्रमोशन। जल्द पीजी पॉलिसी बनाने की मांग।