ब्राजील में विश्व कप मुक्केबाजी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इस मुक्केबाजी प्रतियोगिता में झज्जर के हितेश गुलिया ने स्वर्ण पदक जीता है। 19 साल के हितेश देश के पहले मुक्केबाज हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। इसी के साथ उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।

2014 में हितेश ने झज्जर में किया अभ्यास शुरू
हितेश गुलिया का मुक्केबाजी से जुड़ना शौक नहीं, मजबूरी था। महज 11 साल की उम्र में उनका वजन 55 किलो था। 2014 में झज्जर में अभ्यास शुरू किया। खानपान, शारीरिक अभ्यास में अनुशासन लाए। इसके बाद स्टेट चैंपियन बने और फिर नेशनल में भी मेडल जीता। इसी साल नेशनल गेम्स और फिर सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। विश्व कप में भिवानी के सचिन और हिसार के विशाल ने कांस्य पदक जीता।ब्राजील में विश्व कप मुक्केबाजी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इस मुक्केबाजी प्रतियोगिता में झज्जर के हितेश गुलिया ने स्वर्ण पदक जीता है। 19 साल के हितेश देश के पहले मुक्केबाज हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। इसी के साथ उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।
2014 में हितेश ने झज्जर में किया अभ्यास शुरू
हितेश गुलिया का मुक्केबाजी से जुड़ना शौक नहीं, मजबूरी था। महज 11 साल की उम्र में उनका वजन 55 किलो था। 2014 में झज्जर में अभ्यास शुरू किया। खानपान, शारीरिक अभ्यास में अनुशासन लाए। इसके बाद स्टेट चैंपियन बने और फिर नेशनल में भी मेडल जीता। इसी साल नेशनल गेम्स और फिर सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। विश्व कप में भिवानी के सचिन और हिसार के विशाल ने कांस्य पदक जीता।
GED खेल विभाग में कार्यरत हितेश के कोच हितेश देशवाल ने कहा कि शारीरिक वजन के अलावा हितेश गुलिया के सामने आगे बढ़ने में घर की आर्थिक स्थिति भी बाधक थी। उनके पिता ठेकेदार थे। कोरोना में वे आर्थिक तंगी का शिकार हो गए। ऐसे में हितेश को मुक्केबाजी के महंगे उपकरण से लेकर डाइट के लिए दूसरों पर निर्भर होना पड़ा। परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हितेश को मजबूती तब मिली, जब उन्हें नेवी में नौकरी मिली।