हरियाणा में लगातार बढ़ते तापमान के साथ बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ने लगी है। प्रदेश में बिजली की कुल उपलब्धता क्षमता 16 हजार 15 मेगावाट है, जबकि जुलाई में पीक सीजन के दौरान बिजली की मांग इससे ज्यादा हो सकती है।

ऐसे में प्रदेश के बिजली वितरण निगमों ने बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों से संपर्क साधा है। बिजली की समस्या खत्म करने तथा अपने स्वयं का उत्पादन बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार अब यमुनानगर की तर्ज पर हिसार में 800 मेगावाट अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल यूनिट लगाने की तैयारी कर रही है।

इसी तरह पानीपत में 800 मेगावाट की दो अल्ट्रा सुपर क्रिटीकल परियोजना स्थापित करने पर काम शुरू हो गया है। पहाड़ी राज्यों के साथ संपर्क में यदि बात बनी तो गर्मियों में बिजली ली जाएगी क्योंकि तब वहां बिजली की मांग कम होती है। बदले में हरियाणा सर्दियों में संबंधित राज्यों को बिजली आपूर्ति कर देगा, जब वहां बिजली की मांग उच्चतम स्तर पर होगी और हमारे प्रदेश में मांग कम होने से अतिरिक्त बिजली होगी।

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन नंदलाल शर्मा पहले ही बिजली कंपनियों को बैंकिंग सिस्टम बनाने के निर्देश दे चुके हैं। पहाड़ी राज्यों से गर्मियों में बिजली लेने और सर्दियों में बिजली आपूर्ति करने का समझौता किया जाएगा।

दीर्घकालिक जरूरतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बिजली उपलब्धता को अगले सात वर्षों में 24 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है। यमुनानगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 800 मेगावाट की क्षमता वाली अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल यूनिट का शिलान्यास किए जाने के बाद हिसार में भी 800 मेगावाट अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल यूनिट लगाने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इसका पूरा प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र को भेजा जाना है। यमुनानगर में भेल द्वारा स्थापित किए जाने वाला निर्माणाधीन अल्ट्रासुपर क्रिटीकल थर्मल प्लांट 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है।

सवा दो लाख घरों की छतों पर लगेंगे सोलर पैनल

मुख्यमंत्री नायब सैनी के अनुसार बिजली बचाने के लिए अगले दो साल में करीब सवा दो लाख घरों की छत पर रूफ टॉप सोलर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत अभी तक 14 हजार 250 घरों पर रूफटॉप सोलर लगा दिए गए हैं। दो किलोवाट तक के कनेक्शन वाले अंत्योदय परिवारों को अधिकतम एक लाख 10 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा गांवों की सड़कों पर व अमृत सरोवरों पर सोलर लाइट लगाने के लिए चार हजार रुपये व ऊंचे खंबे पर लाइटों के लिए 20 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। मौजूदा वित्तीय वर्ष में ऐसी 20 हजार लाइटें लगाई जाएंगी।

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड से अगले साल मई तक मिलने लगेगी बिजली

विद्युत खरीद केंद्र ने 800 मेगावाट फर्म और डिस्पैचेबल अक्षय ऊर्जा की खरीद के लिए सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के साथ बिजली आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए है। अगले साल मई तक इसके चालू होने की उम्मीद है। इस 800 मेगावाट फर्म और डिस्पैचेबल अक्षय ऊर्जा क्षमता में 1115 मेगावाट सौर, 896 मेगावाट पवन व 938 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली क्षमता शामिल है।