HARYANA VRITANT

देश भर में किसानों के खेत सुनहरे रंग में रंगारंग हैं। लेकिन बारिश और ओलों ने लोगों की परेशानी को बढ़ा रखा है। हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी किसानों के हाल-बेहाल हैं। उनमें भय है कि कहीं उनकी फसल वर्षा या फिर ओलावृष्टि की शिकार न हो जाए। इसी बीच अब आग भी किसानों के लिए एक नई परेशानी बनकर उभरी है।

अब आग भी किसानों के लिए एक नई परेशानी बनकर उभरी है।

आग-वर्षा व ओलावृष्टि से शुक्रवार को किसानों को नुकसान हुआ। दादरी, अंबाला और जींद में खेतों में आग लगने से गेहूं की खड़ी फसल जल गई। 16 एकड़ में नुकसान हुआ। वहीं, दोपहर बाद अचानक मौसम बदलने से करनाल, कैथल व पानीपत के समालखा में 20 मिनट वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई।

मंडियों में गेहूं की ढेरियां और लाखों बोरी ओलों से ढक गई। करीब आठ लाख क्विंटल गेहूं भीग गया। खेतों में खड़ी फसल भी बर्बाद हो गई।

वहीं सोनीपत के गोहाना में भी वर्षा और ओलावृष्टि होने से अनाज मंडी में करीब 50 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया। करनाल के इंद्री, गढ़ी बीरबल क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई। वहीं घरौंडा, करनाल व यमुनानगर में हल्की वर्षा हुई।

कैथल के पूंडरी, पानीपत के समालखा और अंबाला के मुलाना में भी वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई है। तेज आंधी से अंबाला में खंभे टूट गए। कई छतों से टिन उड़ गईं। हिसार में भी शाम को धूल भरी आंधी चली। इससे पहले 3, 4, 14 और 18 अप्रैल को भी वर्षा होने से फसल को नुकसान हो चुका है।

21 तक मौसम परिवर्तनशील

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 21 अप्रैल तक उत्तर हरियाणा सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौसमी उतार-चढ़ाव की संभावना है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व हरियाणा के रोहतक, सोनीपत से लेकर सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद और भिवानी जिलों में भी मौसमी परिवर्तन की संभावना है। औसत अधिकतम तापमान में 0.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की है।