Faridabad Flood हथनी कुंड बैराज से चार दिन पहले यमुना में छोड़े गए 3.29 लाख क्यूसिक पानी का जबरदस्त असर सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जिलों में पड़ा है। इन तीनों जिलों में नदी किनारे स्थित करीब 18 हजार एकड़ में धान एवं सब्जी की फसल पूरी तरह से डूब गई है।

सोनीपत में 10 हजार एकड़ में धान, सब्जियों व अन्य फसलें पूरी तरह से डूब गई। स्वीटकार्न व बेबीकार्न की फसल को भारी नुकसान हुआ है। फरीदाबाद में तीन हजार एकड़ क्षेत्र में व पलवल में पांच हजार एकड़ क्षेत्र में धान एवं सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है।
इधर फरीदाबाद प्रशासन के अधिकारियों के माथे पर उस समय चिंता की लकीरें उभर आई जब यह पता चला कि दूल्हेपुर गांव के ग्रामीण बाढ़ में फंस गए हैं। सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी संसाधनों के साथ वहां पहुंचे और सरपंच ताराचंद भाटी की मदद से गांव के 100 से ज्यादा ग्रामीणों को आबादी में जलभराव क्षेत्र से बाहर निकाल कर अरुआ गांव के सरकारी विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर में ठहराया।
बाढ़ के पानी में डूबने से भूपानी गांव में कृष्णा नामक एक किशोर के डूबने से मौत | Faridabad Flood
किशोर नदी किनारे ही खेत में दोस्तों संग खेल रहा था, पर अचानक उसका पैर फिसल गया। इधर अचानक से जलस्तर बढ़ा और तेज प्रवाह में किशोर बह गया। उसकी खोजबीन की गई और जब वह मिला तो उसकी डूबने से मौत हो चुकी थी।
इसके अलावा नदी किनारे स्थित बसंतपुर गांव के शिव इन्क्लेव में सागर व बंटी नामक ससुर-दामाद बुधवार रात खाना लेने के लिए निकले थे, पर वापस नहीं लौटे। स्वजन यह आशंका जता रहे हैं कि वह बाढ़ में कहीं बह गए हैं। पुलिस एवं एसडीआरएफ की टीम उनकी तलाश कर रही हैं।
यह बता दें कि दिल्ली की सीमा से यमुना फरीदाबाद में प्रवेश करती है। यहां बृहस्पतिवार शाम तक दो लाख 44 हजार 478 क्यूसिक पानी आ चुका था। बृहस्पतिवार को खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने फरीदाबाद में यमुना किनारे बाढ़ प्रभावित विभिन्न गांवों का दौरा भी किया और जिला उपायुक्त विक्रम सिंह को ग्रामीणों के जानमाल की सुरक्षा के लिए हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए।