ISRO ने सोमवार को बताया कि 27 अगस्त को चंद्रयान 3 के रोवर प्रज्ञान के सामने 4 मीटर चौड़ा गड्ढा आ गया था. यह गड्ढा रोवर की लोकेशन से 3 मीटर आगे था. ऐसे में रोवर को रास्ता बदलने का आदेश दिया गया है.

  • बता दें कि चंद्रयान 3 मिशन 14 दिनों का है. दरअसल, चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक रोशनी रहती है. जब यहां रात होती है तो तापमान -100 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है.
  • चंद्रयान के लैंडर और रोवर अपने सौर पैनलों से बिजली पैदा कर रहे हैं. इसलिए वे 14 दिनों तक बिजली उत्पादन करेंगे लेकिन रात होते ही बिजली उत्पादन प्रक्रिया बंद हो जायेगी. यदि बिजली उत्पादन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भीषण ठंड का सामना नहीं कर पाएंगे और खराब हो जाएंगे.
  • 6 पहियों वाले इस रोवर का वजन 26 किलोग्राम है. गुरुवार सुबह लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद इसरो ने रोवर के बाहर निकलने की पुष्टि की थी. लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा. यह 1 सेमी प्रति सेकंड की गति से चलता है और अपने परिवेश को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का उपयोग करता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *