हरियाणा के फतेहाबाद जिले में सोमवार तक गेहूं की आवक में पिछले साल की तुलना में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस साल गेहूं की आवक पिछले साल की तुलना में अब भी 15 फीसदी कम है अब तक जिले के खेतों से लगभग सारा गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है. प्रदेश में 15 मई से गेहूं की सरकारी खरीद बंद हो जाएगी.

इस वर्ष जिले में 1 लाख 82 हजार 261 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुवाई की गई थी. दिसंबर से फरवरी तक किसानों को डर था कि बारिश की कमी और उच्च तापमान के कारण गेहूं का उत्पादन कम होगा. अप्रैल के पहले सप्ताह तक मौसम ठंडा हो गया और गेहूं के दाने पकने लगे.

यही कारण है कि पिछले वर्ष की तुलना में प्रति एकड़ औसत उत्पादन 20 प्रतिशत अधिक रहा है. पिछले 2 साल से इसकी तुलना करें तो यह अभी भी 15 फीसदी नीचे है. 2020 में गेहूं की आवक 7 लाख 12 हजार 591 मीट्रिक टन थी. 2021 में यह घटकर 6 लाख 96 हजार 461 मीट्रिक टन रह जाएगा. 2022 में गेहूं की आवक रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच जाएगी.

सोमवार तक जिले को 6 लाख 7 हजार 229 मीट्रिक टन गेहूं प्राप्त हो चुका है. इसके बदले में किसानों को 1198 करोड़ 64 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है. यह राशि कुल 43,543 किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है. सरकार 15 मई तक गेहूं खरीद करेगी उसके बाद गेहूं की खरीद बंद कर दी जाएगी

जिले में 2021 में 1 लाख 89 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई की गई थी. 2022 में रकबा घटकर 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर रह गया. गेहूं 15,000 एकड़ कम बोया गया था. इस साल सरसों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते किसानों ने सरसों की पौध पर फोकस किया है. 2021 में जिले में सरसों का रकबा 18,000 हेक्टेयर था जो 2022 में बढ़कर 23,500 हेक्टेयर हो गया है. इससे गेहूं का उत्पादन 20 से 30 प्रतिशत तक गिर गया. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, पहले जिले में प्रति एकड़ 55 से 62 मन गेहूं का उत्पादन होता है.

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