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भिवानी। बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव एवं गंदगी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में घर के आस-पास एवं घर के अंदर मच्छरों के पनपने के स्थान या घरों के आस-पास होने वाले जल जमाव, गमले एवं पशु-पक्षियों के पानी पीने के पात्र एवं घरों की छतों पर रखी अनुपयोगी वस्तुओं का समुचित निस्तारण किया जाना अति आवश्यक है।

सांकेतिक तस्वीर

डीसी महावीर कौशिक ने बताया कि नागरिक बारिश के मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी बरतें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों का स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए सलाह दी है ताकि वे इन बीमारियों से बच सकें।

मच्छर जनित बीमारियों के लक्षण और बचाव

सिविल सर्जन डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि मलेरिया में तेज बुखार से ठंड लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान सामान्य डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया में बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना आदि बीमारी के लक्षण हैं। मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित न होने दे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। नीम के पत्ती का धुआं करें। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाने का कार्य करें। बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं।

डेंगू बीमारी की शुरुआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती है। डेंगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप नॉर्मल होने लगता है। बुखार के साथ ही साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। डेंगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रकोप से बचना चाहिए। अपने घरों के आसपास पानी को इकट्ठा न होने दें।