HARYANA VRITANT
चरखी दादरी। जिले के आयुष्मान आरोग्य केंद्रों (मंदिर) को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस) के तहत चिह्नित किया जाएगा। जिले में 147 आयुष्मान आरोग्य केंद्र हैं। इनमें से 75 केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत चुना जाएगा।

सिविल सर्जन डॉ. रघुवीर शांडिल्य ने बताया कि…

आरोग्य केंद्रों के राष्ट्रीय गुणवत्ता के दायरे में आने के बाद केंद्र में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की अब जांच की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. रघुवीर शांडिल्य ने बताया कि आरोग्य मंदिर पांच हजार से सात हजार की जनसंख्या वाले गांव में होता है। इसमें एक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एक महिला व पुरुष एमपीएचडब्लू व पांच से सात आशा वर्कर होती हैं।

सिविल सर्जन ने बताया कि केंद्र पर सीएचओ के की देखरेख में सारी सुविधा दी जाती है। केंद्रों को तभी चिह्नित किया जाएगा जब केंद्र में ये सारी सुविधाएं होगी। इनमें कर्मचारियों के नाम की लिस्ट केंद्र के बाहर लगी हो, 106 प्रकार की दवाइयों की लिस्ट लगी हो और पीने के ठंडे पानी की सुविधा, बाथरूम व शौचालय की सुविधा हो। केंद्र में चार महीने का दवाइयों का स्टॉक रहता है। गाइडलाइंस के अनुसार एक महीने का स्टॉक खत्म होते ही पीएचसी या नागरिक अस्पताल में जानकारी देनी होगी।

मरीजों के लिए ये सुविधाएं होनी जरूरी है…

केंद्र पर मरीजों के लिए ये सुविधाएं होनी जरूरी है जिनमें गर्भवती महिला की देखभाल करना, डिलीवरी होने के बाद की देखभाल, टीकाकरण, फैमिली प्लानिंग, मानसिक परेशानी से जूझ से रहे मरीजों की स्क्रीनिंग कर उन्हें सलाह देना, बीपी, शुगर व कैंसर के मरीजों की जांच, बुजुर्गों की देखभाल व खान पान के तरीकों के बारे में बताना, नेत्र, कान, आंख की जांच, योग करवाना, खानपान के बारे में बताना, जन्म व मृत्यु का पंजीकरण करने की सुविधा होना जरूरी है।

वहीं, 5,000 की जनसंख्या वाले गांवों में कम से कम महीने में आठ गर्भवती महिलाओं होनी चाहिए। केंद्रों पर इन सुविधाओं की जांच के लिए इंटरनल एसेसमेंट की एक टीम का गठन किया गया है। जो कि केंद्रों पर जाकर निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान जिन केंद्रों का 100 में से 80 का स्कोर होगा। वही केंद्र राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम में चिह्नित होगा। चिह्नित होने के बाद केंद्र को पुरस्कार भी दिया जाएगा।

हर केंद्र पर 60,000 का दिया बजट…

हर साल सभी केंद्रों पर 60,000 रुपये का बजट दिया जाता है। इसमें केंद्र पर जो भी असुविधा है उसे पूरा किया जा सकें। केंद्र में अलग से भी एक लाख का बजट दिया जाता है। इस बजट से केंद्र में कोई उपकरण या अन्य दवाई की मंगवाई जा सकती है।

आरोग्य मंदिरों को एक प्रोग्राम के तहत चिह्नित किया गया है। इसमें आरोग्य मंदिरों में आने वाले लोगाें को मिलने वाली सुविधाओं की जांच होगी। केंद्र पर जो भी सुविधा उपलब्ध है उनकी जांच के लिए चंडीगढ़ से टीम आएगी और जिस भी केंद्र पर सारी सुविधाएं मौजूद होगी उसे ही टीम सर्टिफाइड करेगी। वह जिन केंद्रों पर सुविधा नहीं मिलेगी उन्हें निर्देश दिए जाएंगे। – डॉ. रघुवीर शांडिल्य, सिविल सर्जन, भिवानी।