चंद्रयान-3 का हिस्सा बने हिसार के रहने वाले इसरो के इंजीनियर यज्ञ मलिक ने कहा कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सबसे बड़ी चुनौती थी। पिछली बार की गलतियों को दूर कर हर छोटी से छोटी डिटेल को सुधारा गया है। अगर भगवान का आशीर्वाद रहा तो अगस्त माह में भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इस खास दिन के लिए हमने पिछले दो साल दिन-रात काम किया है। शनिवार-रविवार को भी काम करते थे।
हिसार के जीजेयू के कर्मचारी मुनीश मलिक के बेटे यज्ञ मलिक चंद्रयान-3 का हिस्सा बने हैं। अपने घर हिसार पहुंचे यज्ञ मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले मैं डीआरडीओ में तैनात था।
- चंद्रयान 3 के लिए मुझे इसरो में शामिल किया गया। हमें लाइफ में साइंटिफिक एडवांसमेंट देनी है।
- साइंस को आगे कैसे ले जा सकता है, इस पर लगातार शोध की जरूरत है।
- हम दूसरे देशों के मुकाबले बेहद कम बजट में अपने चंद्रयान मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
- चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट में सरकार ने काफी मदद की। प्रधानमंत्री का भी विशेष योगदान रहा।
मिशन स्पेश को लेकर भारत के कई प्रोग्राम हैं। इसकी विस्तृत सूची के बारे में जानकारी नहीं दे पाऊंगा। नासा के बाद अब हमारा इसरो काफी आगे आ चुका है। अब साइंस में विद्यार्थी काफी आगे आ रहे हैं। हमारे दस साल के बच्चे भी स्पेश साइंस के बारे में जानकारी रखते हैं। आपको इसरो में जाने के लिए परीक्षा देनी होगी। वैज्ञानिक बनने के लिए चीजों को समझना चाहिए। इसरो में नौकरी के लिए भी आवेदन निकलते रहते हैं। मैंने साइंस और इंजीनियरिंग को काफी समय दिया है। मैं रोजाना योग करता हूं।