हरियाणा सरकार ने दिल्ली-गुरुग्राम-शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़ (एसएनबी)-अलवर और दिल्ली से पानीपत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। अब केंद्र सरकार द्वारा इन परियोजनाओं की स्वीकृति ली जाएगी। सोमवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसकी जानकारी दी गई।
दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से गुजरने वाले इस कॉरिडोर की लंबाई क्रमशः 23 किलोमीटर, 83 किमी और 2 किमी है। प्रस्तावित अलायनमेंट का एलिवेटेड हिस्सा पुरानी दिल्ली-गुरुग्राम, गुरुग्राम में सेक्टर-17 के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) और एसएनबी (राजस्थान सीमा) तक एनएच-40, 48 के बीच होगा।
- दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है, जबकि केंद्र सरकार इसकी स्वीकृति विचाराधीन है। दिल्ली-एसएनबी कॉरिडोर के प्रस्तावित स्टेशनों में सराय काले खां, आईएनए, मुनीरका, एरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेड़कीदौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल और एसएनबी हैं।
मुरथल और पानीपत में डिपो बनाने की योजना
103 किमी लंबे अलायनमेंट के दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर का 11.5 किमी हिस्सा एलिवेटेड और शेष 91.5 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। इसमें 2 अंडरग्राउंड, 14 एलिवेटेड और 2 एट ग्रेड स्टेशन होंगे। मुरथल और पानीपत में दो डिपो बनाने की योजना है। दिल्ली में इसकी लंबाई 36.2 किमी जबकि हरियाणा में 66.8 किमी होगी।
दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर जल्द होगा शुरू
एनसीआरटीसी भारत सरकार एक संयुक्त उद्यम कंपनी है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान भागीदार राज्य हैं। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विवेक सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का साहिबाबाद से दुहाई तक तक 17 किमी लंबा हिस्सा चालू होने वाला है। उन्होंने मुख्य सचिव संजीव कौशल से आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए एकीकृत सुरक्षा योजना तैयार करने के संबंध में भी चर्चा की।