फरीदाबाद। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण की बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहर में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर एसओपी (स्टैंडर्ड अफ प्रोसीजर) बनाने के आदेश दिए।

इसके साथ अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ को लेकर नोडल एजेंसी नियुक्त की जाएगी। औद्योगिक नगरी में अवैध निर्माण को लेकर तीन विभाग काम कर रहे हैं। जिसमें नगर निगम, जिला नगर योजनाकार इंफोर्समेंट और हरियाणा शहर विकास प्राधिकरण शामिल हैं। नगर निगम में 2025 में अप्रैल माह तक कुल 80 नक्शे पास हुए है। जबकि 300 लोगों ने नक्शे को लेकर आवेदन किया था।

विभाग के पोर्टल पर करना होता है आवेदन 

वहीं, पिछले चार माह में अवैध निर्माण की संख्या 500 से अधिक पहुंच गई है। निगम का यह आकड़ा खुद तोड़फोड़ शाखा के अधिकारी दबी जुबान से बताते हैं। पुरानी कालोनियों के साथ ही नगर निगम में शामिल किए नए क्षेत्रोंं में अवैध निर्माण करने के साथ ही कालोनियां काटी जा रही हैं। बिल्डिंग प्लान स्वीकृत कराने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होता है।

इसके लिए अलग-अलग बिल्डिंग निर्माण श्रेणी और साइज के आधार पर फीस जमा करवानी होती है। निगम द्वारा अधिकृत आर्किटेक्ट से नक्शा तैयार करवाना होता है और आवेदन के सात से आठ दिन में बिल्डिंग प्लान मंजूर हो जाता है।

नक्शे के अनुसार करना होता है निर्माण

बिल्डिंग निर्माण नक्शे के अनुसार ही करना होता है। अगर इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे अवैध निर्माण मानते हुए निगम द्वारा ढहाया जा सकता है। लेकिन ज्यादातर निर्माण या ताे बिना नक्शा पास करवाए हो रहे हैं या फिर नक्शे के हिसाब से निर्माण न करके नियमों की अनेदखी की जा रही है। इसलिए मुख्यमंत्री को यह निर्देश देने पड़े।

चार माह में 300 आवेदन, नक्शे पास 80

पिछले चार माह में नक्शे को लेकर 300 आवेदन आए है। इसमें से केवल 80 नक्शे पास किए गए है। ऐसे में जिन भवन मालिकों के नक्शे पास नहीं हुए। उन्हाेंने अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अवैध निर्माण खड़े किए। सबसे अधिक अवैध निर्माण एनआइटी क्षेत्र में हो रहे हैं। इसको लेकर खुद बड़खल विधायक भी नाराजगी जता चुके हैंं। वहीं डीटीपी इंफोर्समेंट और शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से तोड़फोड़ को लेकर केवल 24 कार्रवाई की गई है।

यह हैं नियम

नगर निगम के पूर्व वरिष्ठ नगर योजनाकार अनुसार कोई भी बिल्डिंग प्लान या नक्शा दो साल के लिए मान्य होता है। अगर इस अवधि में निर्माण पूरा करके आक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं लिया जाता है तो बिल्डिंग प्लान की वैधता खत्म हो जाती है। ऐसे निर्माणों काे तोड़ने की कार्रवाई इन्फोर्समेंट टीम कर सकती है।

सीएम के आदेश के बाद निगम अधिकारियों ने कहा अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जिम्मेदारी अभी चारों जोन के संयुक्त आयुक्त पर है। एसओपी बारे सीएम ने कहा है, पर अभी स्पष्टता का इंतजार है। नोडल एजेंसी किस रूप में होगी, यह आने वाले समय में पता चलेगा।