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राजनीति में दोस्त-दुश्मन नहीं होते, सिर्फ मौके और रिश्ते होते हैं। इसका जीवंत उदाहरण हाल ही में देखने को मिला जब हरियाणा भाजपा प्रभारी और राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष Satish Poonia के बेटे महीप पूनिया की शादी में हरियाणा और राजस्थान के बड़े नेता एक साथ नजर आए। इस समारोह में पक्ष-विपक्ष की दीवारें भी कुछ देर के लिए टूट गईं और मंच सजी सियासी हस्तियों से गुलजार हो उठा।

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भव्य विवाह समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

Satish Poonia शादी में कौन-कौन शामिल हुआ?

जयपुर में हुए इस भव्य विवाह समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी और प्रेमचंद बेरवा समेत कई दिग्गज पहुंचे। खास बात यह रही कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी समारोह में उपस्थित रहे।

इसके अलावा निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंदर कल्याण, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा, कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी, और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी जैसे नेता भी समारोह का हिस्सा बने।

हरियाणा और राजस्थान के बड़े राजनीतिक चेहरे एक ही मंच पर देखकर यह साफ हो गया कि Satish Poonia का राजनीतिक रसूख किस स्तर पर है।

Satish Poonia: साधारण कार्यकर्ता से राष्ट्रीय पहचान तक का सफर

Satish Poonia का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक है। राजस्थान विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े। संगठन कौशल और जमीनी राजनीति का यही अनुभव बाद में भाजपा में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने में काम आया।

2019 में जब उन्हें राजस्थान भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया, तब उन्होंने पार्टी संगठन को नई ऊर्जा दी। पंचायत और नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने अच्छी पकड़ बनाई, भले ही विधानसभा चुनाव में सत्ता वापसी नहीं हो पाई।

सतीश पूनिया की साफ छवि, जमीनी कार्यकर्ताओं से संवाद की क्षमता और जुझारूपन ने उन्हें पार्टी का भरोसेमंद नेता बनाया। इसी संगठनात्मक कौशल के चलते भाजपा ने उन्हें हरियाणा जैसे महत्वपूर्ण राज्य का प्रभारी नियुक्त किया।

हरियाणा में Satish Poonia की नई भूमिका

हरियाणा में Satish Poonia की नियुक्ति ऐसे समय में हुई जब भाजपा कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रही थी। खासकर किसानों के आंदोलन के बाद भाजपा की स्थिति डगमगाई हुई थी और कई लोग मान रहे थे कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीत सकती है।

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लेकिन सSatish Poonia ने हरियाणा भाजपा संगठन को बूथ स्तर तक फिर से सक्रिय किया और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा और निकाय चुनावों में भाजपा ने जबरदस्त सफलता हासिल की, और इसका श्रेय काफी हद तक पूनिया के रणनीतिक कौशल और जमीनी पकड़ को दिया जा रहा है।

शादी समारोह: रिश्तों की राजनीति का अनूठा उदाहरण

महीप पूनिया की शादी सिर्फ एक पारिवारिक आयोजन नहीं था, बल्कि रिश्तों की राजनीति का अनूठा उदाहरण भी बनी। जहां भाजपा के वसुंधरा राजे और दिया कुमारी जैसी वरिष्ठ नेता मौजूद रहे, वहीं कांग्रेस के सचिन पायलट और श्रुति चौधरी जैसे नेता भी समारोह का हिस्सा बने।

यह साफ संकेत था कि राजनीति में वैचारिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन व्यक्तिगत रिश्तों की अहमियत इससे कहीं ऊपर है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण की मौजूदगी ने भी यह जताया कि हरियाणा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी Satish Poonia के साथ मजबूत तालमेल रखता है।

हरियाणा-राजस्थान की राजनीति में पूनिया का बढ़ता प्रभाव

इस आयोजन के जरिए यह भी स्पष्ट हुआ कि हरियाणा और राजस्थान की राजनीति में Satish Poonia का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। उन्होंने व्यक्तिगत संबंधों के जरिए जो नेटवर्क तैयार किया है, वह भविष्य में उन्हें और भी बड़े राजनीतिक अवसर दिला सकता है।

भविष्य में सतीश पूनिया की राष्ट्रीय राजनीति में संभावनाएँ भी मजबूत दिखाई देती हैं, खासकर तब जब भाजपा ऐसे नेताओं की तलाश में है जो जमीनी पकड़ और संगठनात्मक क्षमता दोनों रखते हों।

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Satish Poonia का राजनीतिक सफर इस बात का प्रमाण है कि राजनीति में दीर्घकालिक सफलता केवल पदों से नहीं बल्कि मजबूत व्यक्तिगत संबंधों से भी तय होती है। भविष्य में जब हरियाणा और राजस्थान में नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे, तो निश्चित तौर पर पूनिया की रणनीतिक समझ और उनके बनाए रिश्ते निर्णायक भूमिका निभाएंगे।