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Bhiwani News इंदौर से 900 किलोमीटर का सफर तय कर, 18 घंटों में नर बब्बर शेर सिंबा को जनवरी 2023 में भिवानी के लघु चिड़ियाघर लाया गया। इसका उद्देश्य शेरों के कुनबे को बढ़ाना था, जिसमें वन्य प्राणी विभाग सफल रहा।

शेरनी गीता और शावकों की पहली झलक

13 माह बाद शेरनी गीता और उसके दो शावकों, सिंघम और शेरा, को सोमवार को पहली बार खुले बाड़े में छोड़ा गया। दोनों शावकों ने सुकून महसूस किया, जबकि पिता सिंबा और दूसरा नर शेर शिवा अलग बाड़े में रहे।

तीन दिनों की विशेष निगरानी

वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अगले तीन दिनों तक शेरनी और शावकों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेंगे। अब यह जोड़ी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।

जन्म और नामकरण

गीता के शावकों का आगमन

भिवानी के चौधरी सुरेंद्र सिंह मेमोरियल लघु चिड़ियाघर में 2 अक्तूबर 2023 को शेरनी गीता ने दो नर शावकों को जन्म दिया। उन्हें 13 माह तक स्पेशल बाड़े में रखा गया।

सिंघम और शेरा बने आकर्षण का केंद्र

दोनों शावकों का नामकरण सिंघम और शेरा किया गया है। जब वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी उन्हें नाम से बुलाते हैं, तो वे तुरंत उनकी ओर दौड़ते हैं।

इंदौर से सिंबा का सफर

गीता के लिए लाया गया सिंबा

इंदौर के चिड़ियाघर से लाए गए शेर सिंबा को गीता के साथ मिलाने का उद्देश्य था। पहले से मौजूद शेर शिवा, गीता के साथ नज़दीकियां नहीं बना पाया था, जिसके चलते सिंबा को जनवरी 2023 में भिवानी लाया गया। गीता के दोनों शावकों का पिता सिंबा है।

भविष्य की योजना

शेरनी गीता और उसके शावकों को अब नियमित रूप से खुले बाड़े में रखा जाएगा। दर्शक इनका दीदार कर सकेंगे, और यह भिवानी चिड़ियाघर के आकर्षण में नया अध्याय जोड़ता है।