HARYANA VRITANT

Panchkula News हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में लापरवाही बरतने वाले नोडल अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है। राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला लिया है और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी कृषि रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, इन किसानों को अगले दो सीजन तक अपनी फसल मंडियों में बेचने की अनुमति नहीं होगी।

सांकेतिक तस्वीर

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद कार्रवाई

किसानों द्वारा पराली जलाने के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद सरकार ने एक्शन मोड में आकर नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट कर दिया है। अब जो अधिकारी पराली जलाने को रोकने में असफल होंगे, उन्हें सस्पेंड किया जाएगा।

मुख्य सचिव की महत्वपूर्ण बैठक

हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद ने पराली जलाने से संबंधित प्रदूषण के मामलों पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की। इस बैठक में निर्देश दिया गया कि नोडल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और किसानों पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विपक्ष ने उठाए सवाल

हरियाणा के कृषि निदेशक द्वारा जारी आदेश का विभिन्न जगहों पर विरोध हो रहा है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने सरकार के इस आदेश पर प्रश्न उठाए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि एफआईआर नहीं होगी, क्योंकि राज्य के किसान पराली जलाने के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक हैं।

पराली जलाने के मामलों की बढ़ती संख्या

हालांकि मुख्यमंत्री के इस आदेश के बावजूद, राज्य में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। वर्तमान में, पराली जलाने के मामलों की संख्या 650 तक पहुँच चुकी है। कैथल जिले में सबसे ज्यादा 123 मामले सामने आए हैं।

प्रशासन की कार्रवाई तेज

मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की बैठक के बाद, प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। कैथल में 13 किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पानीपत में 12 गांवों के ग्राम सचिवों और पटवारियों को नोटिस जारी किए गए हैं।

निष्कर्ष

हरियाणा सरकार का ये कदम प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही किसानों के अधिकारों और स्थिति पर भी ध्यान देना आवश्यक है।