कुरुक्षेत्र में 14 सितंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह अदालत न्यायिक परिसर में आयोजित की जाएगी, जहां फरियादी अपने केसों का निस्तारण स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से कर सकते हैं। सीजेएम नितिन राज ने इस बात की जानकारी दी और बताया कि यह अदालत लंबित मामलों को सुलह और समझौते के माध्यम से हल करने का अवसर प्रदान करेगी।
उन्होंने बताया कि यह लोक अदालत मुख्य रूप से परस्पर सहयोग और सौहार्दपूर्ण माध्यम से मामलों को निपटाने के लिए आयोजित की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति का मामला न्यायालय में लंबित है, तो वह राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका समाधान कर सकता है। इस अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान किया जाता है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को सुलभ और प्रभावी बनाया जा सके।
लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों जैसे बैंक लोन, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू और वैवाहिक विवादों का निपटारा किया जाएगा। यह अदालत आपसी सहमति से मामलों का समाधान करती है, और यहां दिए गए फैसले की वैधता सामान्य अदालतों के फैसलों के बराबर होती है। हालांकि, लोक अदालत में सुनाए गए फैसलों के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती, जिससे यह प्रक्रिया त्वरित और सस्ता न्याय प्रदान करती है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विवादों का समाधान बिना समय और पैसे की बर्बादी के किया जाता है। इन अदालतों में न तो किसी की हार होती है और न ही जीत; बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान होता है। यह प्रक्रिया लोगों को त्वरित और सुलभ न्याय प्राप्त करने में सहायक साबित हो रही है।