हरियाणा की नीलोखेड़ी विधान सभा क्षेत्र की बात करें तो यहां के मतदाताओं ने राजनीतिक दलों के मोहपाश में न फंसकर व्यक्तिगत संबंधों को अधिक तरजीह दी है। यही कारण रहा कि इस सीट से पांच बार आजाद उम्मीदवारों ने विजयश्री हासिल की है।
असंध में बसपा की चुनौती और भाजपा की हार
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए असंध विधानसभा क्षेत्र हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस के शमशेर सिंह गोगी ने यहां जीत दर्ज की, जबकि बसपा ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। कांग्रेस ने मात्र 1703 मतों से जीत हासिल की, जबकि भाजपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा। 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा ने यहां जीत दर्ज की थी, लेकिन तब भी बसपा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी।
नीलोखेड़ी में आजाद प्रत्याशी का प्रभाव
नीलोखेड़ी विधानसभा सीट पर भी भाजपा के लिए स्थिति आसान नहीं रही है। 2019 के चुनाव में आजाद प्रत्याशी धर्मपाल गोंदर ने 32% मतों के साथ जीत हासिल की, भाजपा के भगवान दास कबीरपंथी को 1962 मतों से हराया। 2014 में भाजपा ने यहां जीत दर्ज की थी, लेकिन कांग्रेस और इनेलो ने हमेशा टक्कर दी है।
चुनावी समीकरण और भविष्य की रणनीति
पिछले तीन चुनावों के परिणामों को देखते हुए असंध और नीलोखेड़ी दोनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के लिए मुकाबला आसान नहीं है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में दोनों पार्टियां किन नेताओं पर दांव लगाती हैं।
नीलोखेड़ी में निर्दलीय उम्मीदवारों पड़े हैं भारी
नीलोखेड़ी विधान सभा क्षेत्र की बात करें तो यहां के मतदाताओं ने राजनीतिक दलों के मोहपाश में न फंसकर व्यक्तिगत संबंधों को अधिक तरजीह दी है। यही कारण रहा कि इस सीट से पांच बार आजाद उम्मीदवारों ने विजयश्री हासिल की है। इस सीट से जय सिंह राणा ने चार बार जीत हासिल की, जिसमें से दो बार आजाद चुनाव जीता और दो बार कांग्रेस के टिकट पर प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़े। हालांकि लगातार दो-दो बार शिव सिंह और चंदा सिंह ने भी चुनाव जीता है। इसमें चंदा सिंह ने दोनों बार आजाद चुनाव लड़कर जीत हासिल की और शिव सिंह ने एक बार भारतीय जन संघ और दूसरी बार जनता पार्टी के टिकट पर विजयश्री पाई।
असंध में बसपा का भी रहा है प्रभाव, इनेलो से गठबंधन का हो सकता है असर
असंध विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं का फैसला भी रोचक रहा है। यहां भी कृष्ण लाल ने हैट्रिक लगाई थी लेकिन तीनों बार अलग अलग राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ा था। जिसमें एक बार जनता पार्टी, दूसरी बार समता पार्टी और तीसरी बार इंडियन नेशनल लोकदल से विजयश्री हासिल की। खास बात है कि लोक दल का यहां प्रभाव रहा है, जिसमें मनफूल सिंह ने लगातार दो बार लोक दल के टिकट पर जीत हासिल की। इसके अलावा असंध सीट पर बसपा भी प्रभावी रही है। ऐसे में इनेलो से बसपा के गठबंधन का इस सीट पर असर देखना दिलचस्प होगा।
असंध विधान सभा क्षेत्र के विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
1977 जोगीराम जनता पार्टी
1982 मनफूल सिंह इंडियन नेशनल लोकदल
1989 मनफूल सिंह इंडियन नेशनल लोकदल
1991 कृष्ण लाल जनता पार्टी
1996 कृष्ण लाल समता पार्टी
2000 कृष्ण लाल इंडियन नेशनल लोकदल
2005 राजरानी पूनम कांग्रेस
2009 जिलेराम शर्मा हरियाणा जनहित कांग्रेस
2014 बक्शीश सिंह विर्क भाजपा
2019 शमशेर सिंह गोगी कांग्रेस
नीलोखेड़ी विधान सभा क्षेत्र के विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
1967 एस.राम भारतीय जनसंघ
1968 चंदा सिंह आजाद
1972 शिव राम भारतीय जनसंघ
1977 शिव राम जनता पार्टी
1982 चंदा सिंह आजाद
1987 जय सिंह राणा आजाद
1991 जय सिंह राणा आजाद
1996 जय सिंह राणा कांग्रेस
2000 धर्मपाल इंडियन नेशनल लोकदल
2005 जय सिंह राणा कांग्रेस
2009 मामूराम इंडियन नेशनल लोक दल
2014 भगवान दास भाजपा
2019 धर्मपाल गोंदर आजाद