हरियाणा में बड़ी मात्रा में गेहूं कम होने पर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 10 करोड़ रुपये की गेहूं शार्ट मिली है। इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी होंगे, उन पर एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। साथ ही ऐसे अधिकारियों से शार्ट हुई गेहूं की राशि की रिकवरी डाली जाएगी। वे शुक्रवार को जिले गांव जाखौली में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे।
- पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई जगहों पर गेहूं सड़ने के मामले सामने आए हैं। इसके बाद मामले में जांच कमेटी बनाई गई थी। मामले की पूरी जांच होने के बाद उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिनकी लापरवाही से इतना बड़ा नुकसान हुआ है। चौटाला ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश में दस लाख मीट्रिक टन गेहूं शार्ट मिली है। सभी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
बता दें कि अकेले कैथल जिले में 22 करोड़ का गेहूं सड़ाने का मामला सामने आया था। वहीं कुरुक्षेत्र, करनाल सहित अन्य जिलों में भी इस तरह से गेहूं खराब हुई है। सबसे पहले पूंडरी के हैफेड के गोदामों में रखा गया गेहूं सड़ा हुआ मिला था। इस मामले में एक हजार से अधिक गेहूं के कट्टों पर पानी डाला गया था। जबकि जिला प्रशासन की टीम ने इसे खुले आसमान में पड़ा होने के कारण खराब होने की जानकारी दी गई थी।
इसके बाद संबंधित विभाग के महानिदेशक ने चार सदस्यों की गठित टीम शामिल किए थे। इसके बाद कैथल में भी इसी प्रकार से खुले में पड़ा गेहूं भीगने का मामला सामने आया था। इस दौरान पूरे जिले में 22 करोड़ रुपये से अधिक का गेहूं सड़ा था। इसी प्रकार अन्य जिलों में भी गेहूं खराब होने के मामले सामने आए।