ऐलनाबाद : पुराने समय कहा जाता था कि बैसाखी आएगी, गेहूं कटाएगी। यानी बैसाखी के दिन किसान अपने खेत में दराती से अपने खेतों में गेहूं की कटाई शुरू कर देता था और एक लंबे अंतराल तक गेहूं की फसल के लिए कड़ी मेहनत कर जदोजहद करता। जैसे ही समय ने करवट ली और मशीनों का आगाज़ हुआ तो यह दराती से मजदूरों द्वारा काटी जाने वाली गेहूं अब कम्बाइनों से काटी जाने लगी है और बैलों से की जाने वाली गेहूं की बिजाई भी अब मशीनों से होने लगी है जो समय पर ही हो जाती है। स्वभाविक है कि अगर बिजाई पहले होगी तो गेहूं की कटाई भी समय से पहले होने लगी है। यानी कि अब गेहू की कटाई बैसाखी यानी 13 अप्रैल की बजाए अप्रैल की दो या तीन तारीख को ही कटाई शुरु की जाने लगी है।
विभाग की भविष्यवाणी को लेकर भूमिपुत्र हुआ चिंतित
इस वर्ष गेहूं की फसल का रुझान बहुत अच्छा है और किसान की टकटकी अपनी फसल पर लगी है लेकिन चंडीगढ़ मौसम विभाग सेंटर के निदेशक द्वारा बताए गए मौसम के पूर्वानुमान को लेकर धरती पुत्र चिंतित हो गया है।
बारिश की संभावना
मौसम विभाग द्वारा कुछ इलाकों में 16 मार्च की मध्य रात्रि और कुछ इलाकों में 17 मार्च को बारिश की सम्भावना बताई है। इसके इलावा यह भी बताया गया है कि कुछ स्थानों पर गरज के साथ ओले भी गिर सकते है।चूंकि अब अगर बरसात होती है या फिर ओलावर्ष्टि होती है तो पक्की हुई गेहूं की फसल धरती पर बिछ सकती है जिसके चलते उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।