हरियाणा के हर जिले में कोरोना के अलर्ट को देखते हुए सिविल अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जा रही है। इस कड़ी में कैथल सिविल अस्पताल में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। लेकिन अस्पताल नियमों पर खरा नहीं उतरा।
कैथल सिविल अस्पताल में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस मॉक ड्रिल के दौरान सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने अस्पताल में कोरोना महामारी से बचाव के प्रबंधों की जांच की। जांच के दौरान सिविल सर्जन ने कई जगहों पर खामियां मिलने पर अधिकारियों व स्टाफ सदस्यों को फटकार भी लगाई।
जिला नागरिक अस्पताल में हुई थी मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल में पोर्टेबल अस्पताल के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं चले। जबकि एंबुलेंस में पीपी किट नहीं मिली। वहीं, अस्पताल में भीड़ अधिक होने के स्थिति में सिविल सर्जन ने मरीजों को मास्क लगाने का आह्वान किया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन को दो गज की दूरी और मास्क पहनने के नियम का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।
अस्पताल में कोरोना महामारी से बचाव को प्रबंधों की हुई जांच
मॉक ड्रिल की शुरूआत एंबुलेंस में कोरोना महामारी के मरीजों को लाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों की जांच से हुई। इस दौरान सिविल सर्जन ने एंबुलेंस के तकनीकी सहायक से एंबुलेंस में मौजूद ऑक्सीजन सिलिंडर की जांच की। यह सही पाया गया, लेकिन यहां पर पीपी किट नहीं थी। इस पर पीपीई किट रखने के लिए निर्देश किए। फिर सिविल सर्जन ऑक्सीजन प्लांट में पहुंचे।
आईसीयू से बाहर बैठे मरीज बिना मास्क मिले
ऑक्सीजन प्लांट को कई महीनों के बाद शुरू किया गया। यह भी बिल्कुल सही पाया गया। इसके बाद अस्पताल की सभी स्टाफ नर्सिंग ऑफिसर को पोर्टेबल अस्पताल में बुलाया गया। यहां पर लगे 65 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में से तीन कंसंट्रेटर नहीं चल पाए। इसके बाद सिविल सर्जन ने कोविड लैब में जांच की। यहां पर लैब तकनीशियनों से कोरोना सैंपलों को लेकर रिपोर्ट प्राप्त की। इसके बाद सिविल सर्जन प्रथम तल पर बनाए गए आईसीयू में पहुंचे। आईसीयू से बाहर बैठे मरीजों के मास्क न लगाए जाने पर उन्होंने मास्क लगाने के लिए कहा।
सांस लेने के लिए लगाए उपकरणों की जांच की
आईसीयू में नर्सिंग ऑफिसर से वेंटिलेटर चलाने को लेकर जानकारी प्राप्त की। अंत में वे कोविड के लिए बनाए गए विशेष आइसोलेशन वार्ड में पहुंचे। यहां पर सांस लेने के लिए लगाए उपकरणों की जांच की। यह सही मिले। फिर सिविल सर्जन ने प्रधान चिकित्सा के कार्यालय में कोविड के लिए बनाई गई टीम के सदस्यों के साथ बैठक की।