HARYANA VRITANT

बुधवार शाम 5 बजे हथिनीकुंड बैराज पर पानी का स्तर मात्र 3107 क्यूसेक दर्ज किया गया। इस बार कम बारिश के कारण जल संकट गहरा हो गया है। पानी की इस कमी से पनबिजली परियोजनाओं के साथ-साथ हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जल संकट मंडराने लगा है। अगर यह स्थिति बनी रही, तो तीन राज्यों में पानी की कमी गंभीर हो सकती है।

हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर कम

बांध परियोजना ठंडे बस्ते में

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हथिनीकुंड बैराज के पास पानी स्टोर करने के लिए एक बांध बनाने की परियोजना की घोषणा की थी। इसके लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान था, लेकिन यह परियोजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है। वर्तमान में हथिनीकुंड बैराज पर पानी स्टोर करने की कोई व्यवस्था नहीं है; यहाँ से पानी सीधे अन्य राज्यों को भेजा जाता है।

पश्चिमी नहर के लिए जल आपूर्ति

हथिनीकुंड बैराज के गेज रीडर अली नवाज ने बताया कि बुधवार शाम 5 बजे बैराज पर 3107 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जिसमें से 352 क्यूसेक यमुना में और 2755 क्यूसेक पश्चिमी नहर में छोड़ा गया। उत्तर प्रदेश की नहर में काम चलने के कारण वहां पानी नहीं छोड़ा गया।

पनबिजली परियोजनाएं प्रभावित

पानी की कमी के कारण पनबिजली परियोजनाओं पर भी असर पड़ रहा है। पनबिजली परियोजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए 5200 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है, लेकिन वर्तमान में केवल दो इकाइयां ही चल रही हैं। परियोजनाओं का संचालन अब पानी की उपलब्धता के आधार पर किया जा रहा है।

भविष्य की चुनौतियाँ

सिंचाई विभाग के एक्सईएन विजय कुमार गर्ग ने जानकारी दी कि बुधवार को 3107 क्यूसेक पानी बैराज पर दर्ज किया गया। इसमें से कुछ पानी पनबिजली परियोजनाओं और कुछ दिल्ली व हरियाणा को भेजा गया है।