चंडीगढ़: जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कांग्रेस नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। दिग्विजय ने कहा कि हम बच्चे उस दिन जरुर थे, जिस दिन षड्यंत्र के तहत हमारे दादाजी व पिताजी को भूपेन्द्र हुड्डा ने जेल भेजकर राजनीतिक तौर पर हमें खत्म करने का प्रयास किया था और हमें विदेश से अपनी पढ़ाई छोड़कर अपने परिवार को संभालने आना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि वक्त के साथ संघर्ष रूपी गर्म हवाओं के थपेड़े खाकर हमने बहुत कुछ सीखा और हरियाणा की जनता के आशीर्वाद से आज हम लोगों की सेवा कर रहे हैं। दिग्विजय ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आज भी अपने 45 वर्षीय बच्चे को एडजस्ट करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जबकि जनता के आशीर्वाद से और खुद संघर्ष करके दुष्यंत चौटाला अपनी कलम से हरियाणा के सुनहरे भविष्य की इबारत लिख रहे हैं।
जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि उन्हें तो संघर्ष विरासत में मिला है। उन्होंने कहा कि 2013 में जब हमें पढ़ाई छोड़कर राजनीति के मैदान में आना पड़ा तब हमारे पिता और दादा जेल में थे जबकि भूपेंद्र हुड्डा सीएम थे और उनके बेटे सांसद थे।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के हरियाणा में कर्ता धर्ता होने, 10 साल तक सीएम रहने के बावजूद भूपेंद्र हुड्डा को अपने पुत्र को पिछले दरवाजे से संसद में भेजना पड़ा। उन्होंने कहा कि दीपेंद्र हुड्डा को उस राज्यसभा का सदस्य बनवाया जिसके लिए बारात का घोड़ा जैसी असंवैधानिक टिप्पणी हुड्डा किया करते थे, वो भी दलित नेता कुमारी सैलजा का हक मारकर। दिग्विजय ने कहा कि भूपेन्द्र हुड्डा के लिए राजनीति में एकमात्र लक्ष्य अपने बच्चे को राजनीति में स्थापित करना है लेकिन दुष्यंत चौटाला उसमें एक रोड़ा हैं, इसीलिए दोनों पिता पुत्र गाहे बगाहे, सुबह शाम सिर्फ दुष्यंत चौटाला को कोसते रहते हैं।