कुरुक्षेत्र : हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने 106 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट पारित किया है। बजट सहित अन्य कई प्रस्ताव संस्था की कार्यकारिणी समिति की पहली बैठक में मोहर लगाई गई। संस्था के हैड ऑफिस श्री गुरु रामदास सरां में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक का नेतृत्व एच.एस.जी.एम.सी. के प्रधान महंत कर्मजीत सिंह ने किया। बैठक में संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जत्थेदार भूपिंद्र सिंह असंध, उप-प्रधान गुरमीत सिंह तिलोकेवाला, महासचिव गुरविंद्र सिंह धमीजा, संयुक्त सचिव मोहनजीत सिंह पानीपत, कार्यकारिणी समिति मैंबर बीबी रविंद्र कौर अजराना, रमणीक सिंह मान, जसवंत सिंह दुनियामाजरा, जगसीर सिंह मांगे आना, विनर सिंह, गुरबख्श सिंह खालसा की मौजूदगी में महत्वपूर्ण बजट पास किए गए।
एच. एस. जी.एम.सी. प्रधान बाबा कर्मजीत सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा अपना पहला बजट पास कर दिया गया है जिसकी राशि 106 करोड़ 50 लाख रुपए है। हरियाणा की कमेटी का प्रथम बजट पास होने पर प्रदेश की संगत को बधाई देते हुए उन्होंने बताया कि कुल बजट का चौथा हिस्सा शिक्षा क्षेत्र में खर्च करने का फैसला लिया गया है। धर्म प्रचार के लिए अढ़ाई करोड़ रुपए पास किए गए हैं। यही नहीं, कर्मचारियों के वेतनमान व भत्तों के लिए 16 करोड़ रुपए रखे गए है। लंगर व प्रसाद के लिए 13 करोड़ 50 लाख रुपए रखे हैं जबकि भवनों की मुरम्मत व नवीनीकरण के लिए भी 2 करोड़ राशि का प्रस्ताव पास हुआ है।
यही नहीं एच.एस.जी.एम.सी. ने स्वास्थ्य सहायता के लिए 50 लाख, खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए 25 लाख, सिगलीगर व बंजारा बिरादरी के उत्थान हेतु 50 लाख रुपए की राशि रखी है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी बारे। एच.एस.जी.एम.सी. प्रधान ने कहा कि इस पवित्र स्थान का मॉडल के रूप में नवीनीकरण किया जाएगा।
साल 2014 के बाद गई राशि का लिया जाएगा हिसाब
प्रधान बाबा कर्मजीत सिंह ने कहा कि जुलाई 2014 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी का विधेयक बना था जिसे देश की सर्वोच्च अदालत ने वर्ष 2014 से ही लागू किया है। इसलिए एच.एस.जी.एम.सी. साल 2014 के बाद से जितनी राशि गई है उसका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर से हिसाब भी लिया जाएगा। प्रधान बाबा कर्मजीत सिंह ने दावा किया कि जब साल 1966 में हरियाणा को अलग प्रदेश बनाया गया तो उस समय एक्ट में यह भी जिक्र किया गया था कि चंडीगढ़ में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की जितनी भी प्रॉपर्टी है, हरियाणा की अलग कमेटी बनने पर कुल जायदाद का 40 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा में बनने वाली अलग कमेटी को देना पड़ेगा। इसलिए एस. जी. पी. सी. चंडीगढ़ की कुल जायदाद का 40 फीसदी हिस्सा एच.एस.जी.एम.सी. को दे।