HARYANA VRITANT

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) ने सीएम नायब सैनी मंत्रिमंडल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार और विधानसभा सचिव को एक नोटिस जारी किया है। इन सभी से अलगे 30 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

Haryana Cabinet Expansion

हाई कोर्ट ने हरियाणा मंत्रिमंडल के विस्तार ( Haryana Cabinet Expansion) को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र, राज्य सरकार, विधानसभा सचिव व सभी शपथ लेने वाले मंत्रियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) के जस्टिस जीएस संधावालिया व जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित खंडपीठ ने वकील जगमोहन भट्टी द्वारा दायर याचिका में सभी प्रतिवादी पक्ष को 30 अप्रैल तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Saini) की नियुक्ति खुद ही कानून के खिलाफ है और हाई कोर्ट इस मामले में नोटिस जारी कर चुका है। इस बीच सैनी ने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया, जिसमें नियमों को तोड़ा गया। नियमों के अनुसार हरियाणा (Haryana News) में विधानसभा सदस्यों की तय संख्या के आधार पर मुख्यमंत्री (Nayab Saini) समेत केवल 13 मंत्री बन सकते हैं, लेकिन हरियाणा में यह संख्या अब 14 है।

याचिका में सभी मंत्रियों के पदभार संभालने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में यह भी आरोप है कि चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार करना उचित नहीं है। इस संशोधन के तहत विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या में से सिर्फ 15 प्रतिशत को ही मंत्री बनाया जा सकता है।

90 सदस्यीय विधानसभा में हरियाणा में यह संख्या 13 होनी चाहिए, लेकिन सीएम नायब सिंह सैनी के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने पद की शपथ ली थी और बाद में आठ और विधायकों को मंत्री बना दिया गया। इसके अलावा एडवोकेट जनरल के पास भी कैबिनेट रैंक होता है।

इस लिहाज से हरियाणा में यह संख्या 15 हो गई है, जो कि संविधान के 91वें संशोधन का उल्लंघन है। ज्ञात रहे कि इससे पहले नायब सैनी की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर खंडपीठ ने केंद्र, हरियाणा सरकार (Haryana Government) व स्पीकर तथा मुख्य चुनाव आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हुआ है।