हरियाणा में खनन माफिया काफी सक्रिय होता नजर आ रहा है। हरियाणा के खनन मंत्री के जिले में मिट्टी के अवैध खनन का मामला सामने आया है। ग्रेटर फरीदाबाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कुछ सेक्टर काटे गए हैं यहां अभी कंस्ट्रक्शन शुरू नहीं हुआ है।
इन जगहों पररात के अंधेरे में बड़े स्तर पर मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है। यहां मिट्टी खनन माफिया इतने ज्यादा सक्रिय है कि सेक्टरों में 20 से 50 मीटर तक खोदाई कर डाली है। सबसे ज्यादा समस्या 75, 77, 78 और 80 में है। ये सेक्टर गांवों के नजदीक हैं।
मिली जानकारी के अनुसार आस-पास गांवों के युवा इस अवैध खनन में शामिल हैं। वे ट्रैक्टर-ट्राली और डंपरों से खनन कर रहे हैं।
खनन माफिया पर रोक लगाने में टास्क फोर्स हुई नाकाम
अवैध रूप से खोदाई कर निकाली गई मिट्टी बिल्डरों व ईंट भट्टा मालिकों को ही बेची जा रही है। खबरों के मुताबिक यह खनन माफिया पिछले 2- 3 महीनों से इस क्षेत्र में सक्रिय है लेकिन पुलिस और टास्क फोर्स अभी तक इन पर लगाम कसने में नाकाम रहे हैं। पिछले दो महीनों से लगातार जिला उपायुक्त विक्रम सिंह अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स समिति की बैठक ले रहे हैं, जिसमें एसडीएम, खनन अधिकारी, पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए।
मामले से अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
अवैध रूप से मिट्टी खनन के मामले में सेक्टर-77,78 के 100 से ज्यादा प्लॉटधारकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इन लोगों ने एचएसवीपी के प्लाट खरीदे थे। कुछ समय बाद जब उन्होंने आकर देखा तो उनके प्लाटों में कई मीटर तक मिट्टी खोदी जा चुकी थी।
अब प्लाट बनाने के लिए प्लाट को समतल करने की जरूरत है। भराव के लिए उन्हें लाखों रुपये खर्च करने होंगे। उन्होंने एचएसवीपी से इस बारे में शिकायत की तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अपने प्लाट की देखरेख की जिम्मेदारी प्लाटधारक की है। अधिकारियों ने इस मामले में हाथ खड़े कर लिए। तब लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।