सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्देश देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल, इस मुद्दे पर काफी दिनों से पक्ष (सरकार) और विपक्ष में विवाद छिड़ा हुआ है. सरकार ने नए संसद भवन के उद्धघाटन के लिए पीएम मोदी को चुना है तो विपक्ष राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से उद्धघाटन कराना चाहता है. 

याचिका में एडवोकेट ने संविधान के अनुच्छेद 79 का उल्लेख किया है जो कहता है कि संसद राष्ट्रपति और दोनों सदनों से मिलकर बनती है.

उसमें यह बताया गया है कि राष्ट्रपति, देश का पहला नागरिक, संसद सत्र बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति रखता है.कांग्रेस और 18 अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया है कि पीएम मोदी का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बिना भवन का उद्घाटन करने का निर्णय उच्च कार्यालय का अपमान करता है. 

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