Sonipat News रविवार सुबह हुई वर्षा ने लोगों को भीषण गर्मी से तो राहत दी, लेकिन इसके साथ ही शहर में जलभराव और कीचड़ की समस्या भी खड़ी हो गई। कई इलाकों में सड़कों पर पानी भरने और कीचड़ फैलने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सारंग रोड पर चल रहे निर्माण कार्य ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।

पाइपलाइन दबाने के लिए की गई खोदाई के बाद सड़क पर डाली गई मिट्टी वर्षा के पानी के साथ बह गई, जिससे सड़क कीचड़ से सन गई और आवागमन मुश्किल हो गया। शहर के कई अन्य हिस्सों में भी जलभराव की समस्या देखने को मिली। इसका मुख्य कारण नालों की उचित सफाई न होना बताया जा रहा है।
नालों में आगे पानी की निकासी न होने के कारण कई स्थानों पर पानी रुक गया। जिससे लोगों के घरों और दुकानों के सामने पानी जमा हो गया। इस स्थिति ने नगर निगम की मानसून पूर्व तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नंबर गेम
- 32 प्रमुख नाले हैं नगर निगम क्षेत्र में वर्षा के पानी की निकासी के लिए।
- 51 किलोमीटर है नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख नालों की लंबाई
- 300 किलोमीटर सीवर लाइन है शहर में
- 37 किमी लंबा ड्रेनेज सिस्टम से होती है बरसाती पानी की निकासी।
- 0130-2221590 पर फोन करके सहायता प्राप्त की जा सकती है।
रविवार की सुबह हुई वर्षा ने एक बार फिर से मानसून पूर्व निगम की निकासी की व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। शहर के शनि मंदिर अंडरब्रिज, ककरोई चौक, बहालगढ़ रोड पर नालें बंद होने से, विवेकानंद चौक, शिवमुक्तिधाम के पास सड़क पर पानी भर जाने की वजह लोगों को फिर से दिक्कतों का सामना करना पड़ा।वहीं, शहर के पाश सेक्टर भी लोग जलभराव से परेशान हैं। सेक्टर-14 की मार्केट और सेक्टर में सबसे अधिक परेशानी देखने को मिली। जहां जलभराव के कारण लोग अपने घरों से निकल नहीं पाए।
इसी तरह, सेक्टर-15 की सड़कों पर भी जलभराव ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी। पाश इलाके में ही स्थिति ऐसी है तो बाकी शहर का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। चिंतपूर्णी कालोनी, आदर्श नगर समेत आसपास की कालोनियों की हालत बदहाल थी।
ये है जलभराव का सबसे बड़ा कारण
प्रत्येक सप्ताह नालों की सफाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन शहर के नालों की महीनों से सफाई नहीं हुई है। जिस कारण पानी आगे न जाकर एक ही जगह पर एकत्रित हो जाता है। कई जगह नालों में पौधे उग आए हैं तो कहीं कचरे और मिट्टी से नाले जाम हो चुके हैं। ऐसे में हल्की सी वर्षा से ही शहर में पानी भर जाता है।
शहर के इन प्वाइंटों पर ज्यादा दिक्कत
- गीता भवन चौक और शनि मंदिर
- सूरी पेट्रोल पंप वाली गली व ककरोई रोड
- अग्रसेन चौक और सेक्टर-14 व 15
- गांव लिवान और राई
- आईटीआई चौक और राठधना गांव
- देवडू रोड, देवडू गांव व चावला कॉलोनी
ये कदम उठाए जाए तो मिले राहत
- घरों और दुकानों के आगे बने रैंप हटवाकर नालों की अच्छे से सफाई करवाई जाए।
- मिट्टी से अटे पड़े नालों और ड्रेन से मिट्टी निकलवाई जाए।
- नालों व ड्रेनों में लोग कूड़ा डालते हैं इस पर रोक लगाई जाए।
- जलभराव वाले प्वाइंटों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए
- वर्षा के दौरान बहकर आने वाले कचरे को साथ की साथ बाहर निकलवाया जाए।
- जहां पानी निकासी में देर लगती है वहां पंपसेट के जरिए पानी को आगे भेजा जाए।
मौसम हुआ सुहाना, दिन में निकली धूप
रविवार तड़के हुई वर्षा ने जिले में झुलसाती गर्मी से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी। सुबह करीब साढे सात बजे के आसपास शुरू हुई वर्षा से मौसम सुहावना हो गया और तापमान में गिरावट दर्ज की गई। दिनभर अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले दिनों की तुलना में आठ-10 डिग्री कम था।वर्षा से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली। वहीं किसानों के चेहरे भी खिल उठे। वर्षा से खरीफ फसलों को लाभ मिलेगा और खेतों में नमी बनी रहेगी। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे मौसम और बेहतर हो सकता है।
धान की रोपाई शुरू, किसानों के चेहरे खिले
जिले में हुई वर्षा के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब मौसम धान की रोपाई के लिए अनुकूल हो गया है और किसान धान की रोपाई शुरू कर सकते हैं। जिले में लगभग 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हर वर्ष धान की खेती की जाती है।वर्षा की शुरुआत होते ही खेतों में नमी आ गई है, जिससे रोपाई का कार्य आसानी से हो सकेगा। कृषि विभाग ने किसानों से समय पर रोपाई करने और विभागीय सलाह के अनुसार उन्नत बीजों का चयन करने की अपील की है।