HARYANA VRITANT

Ambala News हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को किसानों के आंदोलन के चलते पिछले नौ महीने से बंद रखा गया है। इसने नेशनल हाईवे से गुजरने वाले करीब 1.25 करोड़ वाहनों की आवाजाही को बाधित कर दिया है, जिससे लोगों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ रहा है। इन मार्गों पर भारी जाम की समस्या भी बनी हुई है।

6 दिसंबर से दिल्ली कूच की तैयारी

किसानों के 6 दिसंबर को दिल्ली कूच के ऐलान के बाद शंभू बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है। मंगलवार को पंजाब की ओर से कंक्रीट की दीवार तोड़ने की कोशिश हुई, लेकिन इसे रोक दिया गया। एसपी ने स्पष्ट किया कि दीवार तोड़ी नहीं जा रही है।

पंजाब के किसान अभी भी डटे

पंजाब की ओर से किसान अभी भी बॉर्डर पर मौजूद हैं। हालांकि, यह तय नहीं हो पाया है कि बॉर्डर पैदल निकलने के लिए खोला जाएगा या नहीं। दूसरी तरफ, हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान हरियाणा सीमा पर तैनात हैं।

टोल प्लाजा को 120 करोड़ का नुकसान

शंभू बॉर्डर के पास स्थित टोल प्लाजा से रोजाना करीब 60 से 65 हजार चौपहिया वाहन गुजरते थे। बॉर्डर बंद होने से टोल प्लाजा को लगभग 120 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। लोग अब लंबा रास्ता अपनाने पर मजबूर हैं, जिससे यात्रा का खर्च और समय दोनों बढ़ गया है।

व्यापार पर पड़ा गहरा असर

बॉर्डर सील होने का प्रभाव स्थानीय व्यापार पर भी पड़ा है। अंबाला में पंजाब से खरीदारी के लिए आने वाले लोगों की संख्या घट गई है, जिससे कपड़ा, ज्वेलरी और अन्य व्यवसाय ठप हो गए हैं। हाईवे के ढाबे, पेट्रोल पंप और शराब ठेके भी प्रभावित हुए हैं।

प्रशासन की चुनौतियां

प्रदर्शन और बॉर्डर बंद होने के कारण सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बॉर्डर पर पुलिस और फोर्स की तैनाती से माहौल तनावपूर्ण है।

नज़रें अब 6 दिसंबर पर

किसानों के दिल्ली कूच के बाद बॉर्डर पर हालात कैसे बदलते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। आंदोलन से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक समस्याएं प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।