HARYANA VRITANT

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार सामने आने लगे हैं। इस कड़ी में सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी जताई है। सैलजा का कहना है कि अनुसूचित जाति समुदाय का बड़ा हिस्सा कांग्रेस का समर्थन करता है और यह समुदाय पार्टी का मजबूत आधार रहा है।

कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी जाहिर करते हुए कहा कि हर किसी की महत्वाकांक्षाएं होती हैं, और उनकी भी हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, लेकिन अंतिम निर्णय कांग्रेस नेतृत्व पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह राज्य में काम करने की इच्छुक हैं और इस पर पार्टी आलाकमान निर्णय लेगा।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष और सिरसा से लोकसभा सांसद सैलजा ने पार्टी के भीतर गुटबाजी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हर संगठन में महत्वाकांक्षाएं और पद के लिए संघर्ष होते हैं, लेकिन टिकट वितरण के बाद सभी मिलकर पार्टी के लिए काम करते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या दलित समुदाय के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद का मौका मिलना चाहिए, सैलजा ने कहा कि जाति हमारे देश की एक सच्चाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय का अधिकांश वोट कांग्रेस की तरफ गया है और यह समुदाय हमेशा से पार्टी का आधार रहा है। इसलिए इस समुदाय की भी उम्मीदें होनी चाहिए कि उनका नेता मुख्यमंत्री बन सकता है।

सैलजा ने कहा कि जागरूकता बढ़ी है

सैलजा ने कहा कि जागरूकता बढ़ी है, और एससी समुदाय को भी यह आत्मविश्वास होना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर लोगों की महत्वाकांक्षाएं होती हैं, और उनके पास भी ऐसी ही महत्वाकांक्षा है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा

इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी मुख्यमंत्री पद के सवाल पर कहा था कि वे न तो “टायर्ड” हैं और न ही “रिटायर्ड”। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी को बहुमत मिलता है, तो कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री पद के बारे में फैसला करेगा।

सैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र की राजनीति काफी कर ली है और अब राज्य में काम करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के मुद्दे लोगों के जीवन से ज्यादा जुड़े होते हैं, और इसलिए राज्य में जाकर काम करने की उनकी इच्छा है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान करेगा।