वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर कर रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों की सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई। ट्रेन के अंबाला कैंट स्टेशन पर पहुंचते ही तीनों नागरिकों को सुरक्षा एजेंसियों ने कब्जे में लिया। तीनों की पहचान मोहम्मद मेंहदी हसन, अल अमीन और मोहम्मद राजू मिया के तौर पर हुई।
मामले की सूचना तुरंत आईबी, सीआईडी, आर्मी इंटेलिजेंस सहित अन्य एजेंसियों को दी गई। लगभग पांच घंटे तक पूछताछ करने और दिल्ली सहित बांग्लादेश की एंबेसी से जानकारी हासिल करने के बाद तीनों को ट्रेन में बैठाकर दिल्ली की तरफ रवाना कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त तीनों बांग्लादेशी नागरिक लुधियाना से ट्रेन नंबर 22478 कटरा-नई दिल्ली में सवार हुए थे। ट्रेन में तैनात टीटीई ने जब उनसे टिकट मांगी तो वो टिकट नहीं दिखा पाए। ट्रेन में तैनात सुरक्षा टीम को इसकी जानकारी दी गई।
जब टीम ने तीनाें लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि वो बांग्लादेशी नागरिक हैं और उनके पास पैसे खत्म हो गए थे। इसलिए वो गलती से इस ट्रेन में सवार हो गए। बांग्लादेश का नाम सुनते ही सुरक्षा टीम में तैनात जवान सतर्क हो गए और उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी रेलवे के कंट्रोल पर दी। ट्रेन शुक्रवार दोपहर लगभग 12 बजे प्लेटफार्म 1 पर पहुंची तो तीनों नागरिकों को ट्रेन से उतार लिया गया।
पूछताछ में मिली जानकारी
पूछताछ में जानकारी मिली कि उक्त तीनों व्यक्ति वैद्य वीजा के माध्यम से बांग्लादेश से 18 जनवरी को भारत में आए थे। इसके बाद वो ट्रेन नंबर 13151 सियालदह एक्सप्रेस में कोलकाता से 19 जनवरी को रवाना होकर 21 जनवरी को जम्मूतवी पहुंचे थे। तीनों व्यक्ति तीन-चार दिन तक श्रीनगर में घूमें व 25 जनवरी को वह वापस जम्मूतवी से लुधियाना आ गए। लुधियाना से तीनों 26 जनवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार हो गए ताकि दिल्ली जा सके।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने तीनों बांग्लादेशी नागरिकों से गहन पूछताछ की लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। सुरक्षा एजेंसियों ने एंबेसी से भी तीनों की जानकारी ली थी कि तीनों वैध वीजा पर भारत में आए हैं या अवैध वीजा पर। एंबेसी ने बताया कि तीनों के पास वैध वीजा है। सुरक्षा एजेंसियों से क्लीन चिट मिलने के बाद नियमानुसार तीनों व्यक्तियों से बिना टिकट होने का जुर्माना वसूला गया और उन्हें ट्रेन में बैठाकर दिल्ली की तरफ रवाना कर दिया गया