हरियाणा के रोहतक जिले के महम चौबीसी के चबूतरे पर रविवार को हुए खाप पंचायतों के महासम्मेलन में ओलंपियन साक्षी मलिक ने पहलवानों के आंदोलन को लेकर बड़ी लकीर खींच दी। एक तो अपने व्यवहार से उन्होंने विभिन्न प्रदेशों से आए खाप प्रमुखों का दिल जीत लिया, दूसरे महज दो मिनट के संबोधन में सभी को शांति का पाठ भी पढ़ा दिया। इसी का नतीजा है कि नई दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों को न सिर्फ खाप बल्कि अब सर्वसमाज का साथ मिलने लगा है।
महम में दोपहर जब राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के ज्यादातर खापों के प्रमुख और प्रतिनिधि पहुंच चुके थे, तब अन्य खिलाड़ियों के साथ ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक का सम्मेलन स्थल में प्रवेश हुआ। उन्होंने अपना स्थान लेने से पहले समाज के लगभग सभी बुजुर्गों के पास खुद जाकर उनसे सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद जब साक्षी ने अपना संबोधन शुरू किया तो पूरे पंडाल का शोर थम गया।
उन्होंने बड़े-बुजुर्गों के सामने पहलवानों के उठाए मुद्दे को बहुत संक्षेप में रखा, लेकिन ज्यादा समय खापों और सामाजिक संगठनों को बड़े आंदोलन के लिए तैयार किया। किसान आंदोलन की सफलता का हवाला देकर साफ कहा कि बड़े लक्ष्य के लिए आंदोलन का शांतिप्रिय होना बहुत जरूरी है। उनकी इस बात को सारे खाप प्रतिनिधियों ने स्वागत किया।
- महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत के प्रधान व महापंचायत के अध्यक्ष मेहर सिंह नंबरदार का कहना है कि साक्षी मलिक ने महापंचायत में पहुंचकर अपने विचार जिस शालीनता से रखे, उससे महापंचायत काफी प्रभावित हुई। साक्षी ने अपने विचार रखे और सधे हुए शब्दों में महापंचायत से सहयोग मांगा।
- ये हमारे संस्कारों का परिणाम है। साक्षी ने इस क्षेत्र का ही नहीं पूरे देश का मान बढ़ाया। पंचायत बेटियों की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ी है। सरकार को एक दिन झुकना पड़ेगा और आरोपी को उसके किए की सजा जरूर मिलेगी।