लोकसभा सदन में हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर ओम बिरला की टिप्पणी के बाद हुड्डा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि संविधान के साथ मेरा भावनात्मक जुड़ाव है। ऐसे में जय संविधान बोलना मेरे लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि मेरा पिछले 20 वर्ष का रिकॉर्ड जनता के सामने है। मैंने कभी भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया।
बीते दिन संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कुछ टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा को फटकार लगाई थी। आज इस मामले में हरियाणा से सांसद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा की प्रतिक्रिया सामने आई है।
संविधान से मेरा भावनात्मक लगाव: दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश संविधान से चलता है और संविधान की रचना इन्हीं चार दीवारों में हुई है। इसलिए जय संविधान कहने पर खुशी होनी चाहिए। दीपेंद्र ने कहा कि संविधान से मेरा भावनात्मक लगाव भी है। मेरे स्वर्गीय दादा चौधरी रणबीर सिंह जी संविधान सभा के एक सदस्य थे। मूल प्रति पर बाबा साहब के साथ उनके हस्ताक्षर भी अंकित हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे में मैं समझता हूं कि जय संविधान बोलना मेरे लिए खुशी की बात है। सदन की चेयर को लेकर दीपेंद्र ने कहा कि जहां तक चेयर की बात है तो मैंने हमेशा इसका सम्मान किया है।
इसी तरह चेयर का दायित्व भी बनता है कि सभी सदस्यों का सम्मान बरकरार रखा जाए इसी से सदन की गरिमा है। मेरा पिछले 20 वर्षों का आचरण देश के सामने है। मैंने सदन में एक भी शब्द सदन की कार्यवाही से इतर नहीं कहा। कभी भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। मेरा रिकॉर्ड जनता के सामने है।
सदन में दीपेंद्र ने क्या कहा था
दरअसल, सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद शशि थरूर ने ‘जय हिंद, जय संविधान’ का नारा लगाया था। थरूर के लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के दौरान जब विपक्षी सदस्यों ने ‘जय संविधान’ के नारे लगाए तो बिड़ला ने टिप्पणी की कि वह पहले से ही संविधान की शपथ ले रहे हैं।
ऐसे में रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अध्यक्ष को इस पर आपत्ति नहीं जतानी चाहिए। इस पर ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई सलाह न दें कि मुझे किस पर आपत्ति करनी चाहिए और किस पर नहीं। अपनी सीट पर बैठें।