रोहतक में बुधवार को जिला अदालत में वकील वर्क सस्पेंड रखा। वरिष्ठ वकील सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि पूरे कानून में एकदम बदलाव से आम आदमी ही नहीं, वकील व लॉ कर रहे छात्र भी परेशान हैं।
रोहतक जिला बार के वकील नए कानूनों के विरोध में आ गए हैं। बुधवार को वकीलों ने जिला अदालत में वर्क सस्पेंड कर दिया और गेट पर कुर्सी डालकर बैठ गए। दोपहर बैठक करके फैसला लेंगे कि आंदोलन को आगे कैसे चलाया जाएगा। बार के पूर्व प्रधान लोकेंद्र फौगाट का कहना है कि बार कौंसिल व कानून मंत्री को मांग पत्र भी भेजा जा सकता है।
वरिष्ठ वकील सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि पूरे कानून में एकदम बदलाव से आम आदमी ही नहीं, वकील व लॉ कर रहे छात्र भी परेशान हैं। अब पूरा कानून नए सिरे से पढ़ना पड़ेगा। पुराने केस पुराने कानून के तहत चलेंगे, जबकि नए केस नए कानून के तहत चलेंगे। इससे वकीलों पर न केवल दोहरा दबाव आएगा, बल्कि न्यायपालिका का भी काम बढ़ेगा। इसके लिए पुलिस कर्मियों को भी कानून का पूरा ज्ञान नहीं है। दूसरा, कई ऐसी धाराएं हैं, जो पहले जमानती थी। अब गैर जमानती कर दी गई। पुलिस 40 से 60 दिन तक कभी भी रिमांड की अर्जी दे सकती है। जबकि पहले 15 दिन तक ही रिमांड लिया जा सकता था। नए कानूनों में कई विसंगतियां हैं, जिनको दूर किया जाए। इसलिए एक दिन का वर्क सस्पेंड किया है।
वर्क सस्पेंड से नहीं हो सकी केसों की सुनवाई, 11 हजार रुपये जुर्माना तय किया पेश होने पर
जिला बार के प्रधान अरविंद श्योराण ने बताया कि वर्क सस्पेंड के चलते कोई भी वकील अदालत में पेश नहीं हो रहा है। अगर कोई वकील पेश होता है तो उसके ऊपर 11 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। ज्यादातर केसों में अदालत ले अगली तारीख तय की है।