विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के बाद एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा ने माता-पिता और परिवार ही नहीं, अपने समर्थकों की भी उम्मीदें पूरी कर दी। नीरज ने बुधवार को चीन के हांगझोऊ के एचओएसी स्टेडियम में जेवलिन थ्रो में जैसे ही 88.88 मीटर भाला फेंका, माता-पिता व उनके समर्थक खुशी से झूम उठे। इसी थ्रो के साथ उन्हें स्वर्ण पदक की उम्मीद बंध गई थी।
पिता सतीश कुमार और मां सरोज देवी ने बताया कि नीरज से 15 दिन पहले फोन पर बात हुई थी। उसने मेहनत को स्वर्ण में बदलने का भरोसा दिया था और बेटे ने अपना वादा मैदान में पूरा कर दिखाया। पिता ने बताया कि स्वर्ण के साथ रजत पदक भी देश की झोली में आने पर खुशी दोगुनी हो गई है।
- एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए नीरज चोपड़ा और रजत जीतने के लिए किशोर जेना को हार्दिक बधाई!
- जिले के खंडरा गांव स्थित नीरज चोपड़ा के घर पर बुधवार सुबह चहलपहल रही,परिजनों ने ग्रामीणों के साथ नीरज का मैच देखा।
नीरज जैसे ही मैदान में उतरे तो पूरा घर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उनका पहला थ्रो करीब 89 मीटर पर था। परिजन व समर्थक खुशी से झूम उठे, लेकिन अगले ही पल तकनीकी कारणों के चलते थ्रो मान्य न होने पर वे मायूस हो गए।
- नीरज ने अपना तीसरा थ्रो 88.88 मीटर फेंका तो पूरा घर खुशी से झूम उठा। चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि नीरज का लक्ष्य एशियाई खेलों में इंचियोन-2014 में किंगगांग झाओ का 89.15 मीटर का एशियाई खेलों का रिकॉर्ड तोड़ने का था।