HARYANA VRITANT

पानीपत में भाद्र मास के दौरान एक बार फिर मौसम में बदलाव की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों ने सोमवार से मध्यम से तेज बारिश का अनुमान जताया है, जो कई दिनों तक जारी रह सकती है। इस बारिश से धान की पछेती और अन्य फसलों को फायदा होगा, लेकिन अगेती धान की फसल के लिए यह नुकसानदायक साबित हो सकती है। रविवार को जिले में दिनभर तेज धूप खिली रही, जिससे अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री दर्ज किया गया।

किसानों की चिंता बढ़ी

मौसम के बदलते हालात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसान राजबीर और नाहर सिंह ने बताया कि इस बार धान के सीजन में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है, जिससे उन्हें नहर और ट्यूबवेल के जरिए सिंचाई करनी पड़ी। अब जबकि अगेती धान की फसल पकने को तैयार है, ऐसे में बारिश होने से फसल को नुकसान हो सकता है। वहीं, पछेती फसल के गिरने का भी डर है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है।

सावधानी बरतें किसान

कृषि विज्ञान केंद्र उझा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजबीर गर्ग ने किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि बारिश की संभावना को देखते हुए इस समय ट्यूबवेल या नहर के पानी से सिंचाई न करें। बारिश के पानी का खेत में ज्यादा दिनों तक ठहराव न होने दें। खासतौर पर अगेती फसलों और बेलदार सब्जियों की फसलों में पानी के ठहराव से बचें, ताकि फसल खराब न हो।