पानीपत में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते खतरे के बीच नगर निगम ने पिछले एक महीने से शहर में नौ मशीनों के साथ फॉगिंग की शुरुआत की है। हालांकि, ये मशीनें अपर्याप्त हैं। शहर के 26 वार्डों में से प्रत्येक में कम से कम एक मशीन की आवश्यकता है, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं किया गया है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग भी फॉगिंग मशीनों और फॉगिंग से पूरी तरह अछूता है, जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच तालमेल की कमी की शिकायत की जा रही है। कई पंचायतों और जिला परिषद के सदस्यों को फॉगिंग मशीनें प्रदान की गई हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक फॉगिंग नहीं हो पाई है। जिले के 195 गांवों में से अधिकांश ऐसे हैं जहां लंबे समय से फॉगिंग नहीं हुई है।
स्वास्थ्य स्थिति और प्रशासन की लापरवाही
जिले में अब तक डेंगू के तीन और मलेरिया के दो मामले सामने आ चुके हैं। इस स्थिति में प्रशासन की ओर से बड़ी लापरवाही की जा रही है। प्रशासन के पास डेंगू पर नियंत्रण के लिए 95 फॉगिंग मशीनें हैं, जिनमें से 40 खराब हैं। नगर निगम की 20 मशीनों में से 11 और जिला पंचायती राज विभाग की 75 मशीनों में से 34 खराब हैं। हाल ही में डीसी डॉ. वीरेंद्र दहिया ने अधिकारियों को प्लॉटों में जमा पानी में काला तेल डालने के निर्देश दिए थे, लेकिन इन निर्देशों पर कोई अमल नहीं हुआ है। शहर में लगभग एक हजार प्लॉटों में पानी जमा है, जिससे डेंगू का लार्वा उत्पन्न होने का खतरा है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के मरीजों के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 18 वार्ड तैयार किए हैं, जिनमें 60 बेड आरक्षित किए गए हैं। सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में फॉगिंग के लिए पांच किलो दवा भी भेजी गई है। विभाग की टीमें जिले में एंटी लार्वा एक्टिविटी चला रही हैं और बुखार से ग्रस्त लोगों की स्लाइड बनाई जा रही है। निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि डेंगू और मलेरिया के संदिग्ध मरीजों की स्लाइड जिला नागरिक अस्पताल में भेजी जाए। जांच के बाद ही मरीजों को कंफर्म किया जाएगा।
नगर निगम का बयान
नगर निगम के मुख्य सफाई निरीक्षक जितेंद्र नरवाल ने बताया कि पिछले एक महीने से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार फॉगिंग करवाई जा रही है। हाल ही में हाली पार्क, शिवाजी स्टेडियम, मॉडल टाउन, एजेंल मॉल, परशुराम धर्मशाला, लाल टंकी मार्केट और आठ मरला में फॉगिंग की गई है। जहां भी फॉगिंग की मांग होती है, वहां कर्मचारियों को भेजकर तुरंत फॉगिंग करवाई जाती है।