HARYANA VRITANT

Panchkula News हरियाणा में 31 मार्च को प्रस्तावित ईद की राजपत्रित छुट्टी रद्द कर उसे वैकल्पिक अवकाश में बदल दिया गया, जिसके बाद वीरवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि मुसलमानों का एकमात्र प्रमुख त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है, ऐसे में इसे रद्द करना गलत है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की।

सरकार ने दी सफाई

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सफाई देते हुए कहा कि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसे अनावश्यक रूप से सदन में मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।

पहली बार ईद की छुट्टी रद्द

हरियाणा में यह पहला मौका है जब ईद की राजपत्रित छुट्टी को वैकल्पिक अवकाश में बदला गया है। इसका मतलब यह है कि सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे और कर्मचारी अपनी इच्छानुसार छुट्टी ले सकते हैं। सरकार ने वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग और लगातार पड़ रहे अवकाशों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।

राजनीतिक गलियारों में उठा सवाल

हरियाणा में करीब 6% मुस्लिम आबादी है और 18 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। राज्य की आठ विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रदेश में इस बार पांच मुस्लिम विधायक चुने गए हैं, जो सभी कांग्रेस से हैं। विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों की उपेक्षा के रूप में देख रहा है।