हरियाणा में जल्द ही तीन नए आपराधिक कानूनों (Three New Criminal Laws) को लागू करने की तैयारी है। इसके लिए 20 हजार से अधिक पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही वर्चुअल कोर्ट के लिए जेलों और न्यायालय परिसरों में 149 वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम (Video Conferencing System) स्थापित किए गए हैं। वहीं 178 सिस्टम जल्द लगाए जाएंगे।
हरियाणा में गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कैदियों की अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी कराई जाएगी। सोमवार से लागू हो रहे तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लेकर प्रदेश सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। नए कानूनों को लेकर आईएएस और एचसीएस अफसरों के साथ ही 20 हजार से अधिक पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है, जिससे इन्हें लागू करने में कोई दिक्कत न आए।
नए कानूनों को लेकर न्यायपालिका, पुलिस और अभियोजन विभाग के अधिकारियों को व्यापक प्रशिक्षण दिया गया है। वर्चुअल कोर्ट के लिए जेलों और न्यायालय परिसरों में 300 डेस्कटॉप के साथ ही 149 वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं और 178 सिस्टम जल्द लगाए जाएंगे।
दंड की बजाय न्याय पर किया जाएगा फोकस- डीजीपी
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर (Director General of Police Shatrujeet Kapoor) ने बताया कि नए कानूनों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए सभी थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नए कानूनों में दंड की बजाय न्याय पर फोकस किया गया है। यह कानून व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं और मानव अधिकारों के मूल्यों के अनुरूप हैं।
- जीरो एफआईआर से कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो।
- मॉब लिंचिंग यानी जब पांच या इससे लोग ज्यादा मिलकर जाति या समुदाय के आधार पर किसी की हत्या करते हैं तो सभी को आजीवन कारावास की सजा होगी।
- नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी। सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद या आजीवन कारावास।
- देश को नुकसान पहुंचाने के लिए डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करने वालों को आतंकवादी माना जाएगा।
- पाकेटमारी जैसे छोटे संगठित अपराधों पर भी नकेल कसी जाएगी।
- आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिन के अंदर आरोप तय किए जाएंगे।
- दुष्कर्म पीड़िता का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी।
- किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध होगा।
- गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार रहेगा।