HARYANA VRITANT

Panchkula News हरियाणा सरकार ने वंचित समुदायों के आरक्षण को उपवर्गीकृत करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे अति वंचित जातियों को आगे बढ़ने के नए अवसर मिलेंगे। हरियाणा, सुप्रीम कोर्ट की ऑब्जर्वेशन को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है, जिससे अन्य राज्यों पर भी इसे लागू करने का दबाव बढ़ेगा।

हरियाणा में आरक्षण का कोटा विभाजन

भाजपा की वंचित हितैषी पहल

इस फैसले से भाजपा ने खुद को वंचित हितैषी के रूप में पेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजग शासित राज्यों को एक-दूसरे की नीतियों का अध्ययन कर उन्हें लागू करने का आह्वान किया था, जिसे हरियाणा ने तेजी से अपनाया।

सुप्रीम कोर्ट की ऑब्जर्वेशन को लागू करने वाला पहला राज्य

हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट की ऑब्जर्वेशन के आधार पर वंचित समुदायों के कल्याण के लिए आरक्षण का उपवर्गीकरण लागू किया। इससे अति वंचित जातियों को सरकारी नौकरियों में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। राज्य में अनुसूचित जातियों की आबादी लगभग 22 प्रतिशत है, और इस फैसले से उनकी स्थिति मजबूत होगी।

अनुसूचित जाति आयोग की सिफारिश पर बनी नीति

हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने दूसरी भाजपा सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के उपवर्गीकरण की सिफारिश की थी। तीसरे कार्यकाल में इसे मंजूरी मिली, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि अति वंचित जातियों का सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।

आरक्षण की नई व्यवस्था

आरक्षण को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है: अनुसूचित जातियां और वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी)। सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे में से 10 प्रतिशत अति वंचित जातियों के लिए सुरक्षित रहेगा। भर्ती में वरिष्ठता की गणना कॉमन मेरिट लिस्ट के आधार पर की जाएगी।

क्रीमी लेयर की पहचान

सरकार एससी-एसटी में क्रीमी लेयर की पहचान के लिए भी एक नई नीति बनाएगी, जिससे आरक्षण का लाभ सही तरीके से उन लोगों तक पहुंच सके जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है।