Panchkula News हरियाणा सरकार ने तहसीलों में प्राइवेट व्यक्तियों के काम करने पर रोक लगाई है। तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों द्वारा निजी व्यक्तियों से काम करवाने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है। सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों और मंडल आयुक्तों को इस मुद्दे पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

प्राइवेट व्यक्तियों से तहसीलों में हो रहा था काम
हरियाणा की तहसीलों में प्राइवेट व्यक्तियों या सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अहम दस्तावेजों और फाइलों पर काम करवाने की शिकायतें सामने आई हैं। यह प्राइवेट व्यक्ति रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी डीलिंग के मामलों में दलाली का काम कर रहे थे। कमीशन आधारित मामलों में आम लोगों के मुकाबले रजिस्ट्रियों को प्राथमिकता दी जा रही थी।
भ्रष्टाचार की शिकायतें और रजिस्ट्री घोटाले
तहसीलों में चल रहे रजिस्ट्री घोटाले पहले भी चर्चा में रहे हैं। विधानसभा में भी इन मुद्दों पर कई बार बहस हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, तहसीलदार और नायब तहसीलदार निजी कर्मचारियों को दफ्तरी काम के लिए रख रहे हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त पटवारी और विभागीय कर्मचारी हैं, जो अधिकारी के करीबी बताए जाते हैं।
सरकारी वेतन के बिना बाहरी कर्मचारी
दिलचस्प बात यह है कि इन प्राइवेट कर्मचारियों को सरकार की ओर से किसी प्रकार का वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके बावजूद ये कर्मचारी न केवल सरकारी रिकॉर्ड रखते हैं, बल्कि उसे अपने घर भी ले जाते हैं। यह सुरक्षा और गोपनीयता के लिए गंभीर खतरा है।
जिलाधिकारियों को जवाब-तलब के निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और राजस्व मंत्री विपुल गोयल के निर्देश पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए हैं। सभी जिला उपायुक्तों और मंडल आयुक्तों को तहसीलों की नियमित जांच करने और किसी भी बाहरी व्यक्ति के काम करने पर तुरंत रोक लगाने को कहा गया है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के पास सरकारी रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। यदि इस तरह की गतिविधियां पाई जाती हैं, तो संबंधित जिला अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा।